देश में पहली बार बनी विश्व ब्राह्मण कल्याण परिषद, पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र बने अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष

-ब्राह्मणों के अधिकारों के लिए संघर्ष,
पूरे देश के संगठनों को एकजुट करने का संकल्प;
स्वामी कैलाशानंद गिरी संरक्षक बने
नई दिल्ली,(नोएडा खबर डॉट कॉम)
देश में ब्राह्मण समाज को मजबूत संगठन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र द्वारा स्थापित विश्व ब्राह्मण कल्याण परिषद ट्रस्ट का औपचारिक शुभारंभ एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर, जनपथ रोड में किया गया। यह देश का पहला ऐसा राष्ट्रीय स्तर का ट्रस्ट है, जो ब्राह्मण समुदाय के अधिकारों की रक्षा, उनकी एकता को मजबूत करने और पूरे देश भर के ब्राह्मण संगठनों को एक मंच पर लाने का प्रयास करेगा।
ट्रस्ट के संस्थापक एवं अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पूर्व राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल श्री कलराज मिश्र को चुना गया है। कार्यक्रम के दौरान अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी को ट्रस्ट का संरक्षक नियुक्त किया गया, जबकि राज्यसभा सदस्य एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को सलाहकार की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई। स्वामी कैलाशानंद गिरी ने नव-नियुक्त पदाधिकारियों को समाज हित में निःस्वार्थ सेवा की शपथ दिलाई और उन्हें ब्राह्मण समाज के कल्याण के लिए सक्रिय रहने का आह्वान किया।
कलराज मिश्र ने अपने उद्घाटन संदेश में कहा, “यह ट्रस्ट केवल एक संगठन नहीं, बल्कि सेवा, समर्पण और सद्भाव की भावना से प्रेरित पवित्र यज्ञ है। ब्राह्मण समाज को जातीय संकीर्णता से ऊपर उठकर राष्ट्रहित, संस्कृति संरक्षण और मानवता सेवा को अपना सर्वोच्च धर्म बनाना होगा। हमारा लक्ष्य भारत को उसके प्राचीन गौरव के अनुरूप विश्व-आदर्श के रूप में पुनर्स्थापित करना है।” उन्होंने ब्राह्मण समुदाय से अपील की कि वे ज्ञान, परंपरा और सेवा भाव से समाज के सभी वर्गों में समरसता स्थापित करें। ट्रस्ट का प्रमुख फोकस ब्राह्मणों के अधिकारों को सुनिश्चित करना होगा। इसके लिए परिषद सभी राज्य सरकारों से राजस्थान की तर्ज पर ‘विप्र कल्याण बोर्ड’ के गठन की मांग करेगी। मिश्र ने कहा कि राज्य सरकारों से इसकी बातचीत की जाएगी ताकि ब्राह्मण समुदाय को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा मिल सके। साथ ही, देश भर के छोटे-बड़े ब्राह्मण संगठनों को एकजुट करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा, जिससे एक मजबूत राष्ट्रीय नेटवर्क बने।
ट्रस्ट की प्रमुख योजनाएं
ट्रस्ट के कार्यों को गति देने के लिए कलराज मिश्र ने कई महत्वाकांक्षी योजनाओं का ऐलान किया। इनमें आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक उत्थान के तहत वेद, उपनिषद और भारतीय परंपराओं का संरक्षण शामिल है। वेदपाठी ब्राह्मणों और संस्कृत पाठशालाओं को आर्थिक सहायता देकर शुद्ध पूजा-पाठ सुनिश्चित किया जाएगा। शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में सनातन ज्ञान को आधुनिक विज्ञान से जोड़कर युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। इसके लिए गुरुकुल, कौशल केंद्र और डिजिटल शिक्षा की व्यवस्था होगी। विशेष रूप से, युवाओं के रोजगार के लिए ‘जॉब्स पोर्टल’ विकसित किया जाएगा, जो उद्यमियों और बेरोजगार युवाओं के बीच सीधा संपर्क स्थापित करेगा। मानवीय सेवा के तहत असमर्थ ब्राह्मण परिवारों की बेटियों के विवाह में आर्थिक सहयोग और कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही, गौ-सेवा को धार्मिक कर्तव्य के रूप में स्थापित करते हुए सरकारी योजनाओं से जोड़कर आधुनिक रोजगार के अवसर पैदा किए जाएंगे।
पदाधिकारियों की नियुक्ति और लक्ष्य
कार्यक्रम में ट्रस्ट की कार्यकारिणी का ऐलान किया गया। संस्थापक अध्यक्ष के रूप में कलराज मिश्र के नेतृत्व में निम्न पदाधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी गईं:

  • डॉ. सतीश शर्मा – कार्यकारी अध्यक्ष
  • डॉ. अशोक वाजपेयी – वरिष्ठ उपाध्यक्ष
  • श्री अनूप मिश्रा (मध्य प्रदेश) – वरिष्ठ उपाध्यक्ष
  • श्री स्वामी श्रीराम महाराज (तमिलनाडु) – वरिष्ठ उपाध्यक्ष
  • श्री अजय शंकर पांडेय – महासचिव
  • श्रीमती अर्चना पांडेय – महासचिव
  • श्री अरिंदम भट्टाचार्य (पश्चिम बंगाल) – महासचिव
  • श्री सुरेश मिश्रा (राजस्थान) – महासचिव
  • पंडित पीताम्बर शर्मा – उपाध्यक्ष
  • पंडित श्रीचंद शर्मा – उपाध्यक्ष
  • श्री के. के. शर्मा – उपाध्यक्ष
  • श्री माधव शर्मा – उपाध्यक्ष
  • श्री अरविंद भारद्वाज – राष्ट्रीय प्रचार मंत्री
  • सी.ए. शरद शर्मा – राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष
  • आचार्य डॉ. विवेक शर्मा – साहित्यिक संपादक

इसके अलावा, श्री अश्विनी चौबे (बिहार) को ब्राह्मण संगठन समन्वय समिति का अध्यक्ष बनाया गया। नव-नियुक्त पदाधिकारियों को मार्च 2026 से पहले देश के प्रत्येक जिले में 1000 सदस्य जोड़ने का लक्ष्य दिया गया है। कार्यक्रम का मंच संचालन संजय बाली, वीरेश तिवारी, मुकुल वाजपेयी, रोहित ठाकुर, मनोज उपाध्याय, ब्रिज मोहन भारद्वाज और अमित शर्मा ने किया। बड़ी संख्या में ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। यह ट्रस्ट न केवल ब्राह्मण समाज की एकता का प्रतीक बनेगा, बल्कि राष्ट्रीय पुनर्जागरण और सामाजिक समरसता की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

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