कैसे पड़ी नोएडा में राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल की नींव
1 min readआज चर्चा यमुना किनारे बने राष्ट्रीय दलित प्रेरणा एवं ग्रीन स्थल की
आज से ठीक 10 साल पहले 14 अक्टूबर 2011 में उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने दलित प्रेरणा स्थल का उद्घाटन किया था तब उनका हेलीकॉप्टर एपीजे स्कूल के परिसर में उतरा था और फिल्म सिटी से दलित प्रेरणा स्थल जाने के लिए सड़क को बीच से काटा गया था और उद्घाटन के बाद कट को बंद कर दिया गया था। तब यह पार्क खचाखच भरा था।
दलित प्रेरणा स्थल बनने की कहानी बड़ी दिलचस्प है यह मैं आपके साथ शेयर कर रहा हूं मैंने अक्टूबर 2007 में नवभारत टाइम्स ज्वाइन किया था प्रदेश में मायावती की सरकार थी एक मित्र अधिकारी जो लखनऊ में तैनात थे वे सूचना विभाग में अहम पद पर थे।उन्होंने बातों ही बातों में बताया की मायावती यमुना किनारे बाबा साहब अंबेडकर की विचारधारा को स्थापित करना चाहती है पर इसके लिए इन दिनों जमीन की तलाश चल रही है मैंने यह खबर दिसंबर 2007 में नवभारत टाइम्स के गाजियाबाद संस्करण में प्रकाशित की थी तब हमारा नोएडा संस्करण शुरू नहीं हुआ था और उसमें लिखा था यमुना के इस तरफ अंबेडकर की विचारधारा स्थापित करने की तैयारी में है मायावती वह चाहती हैं कि यमुना के एक तरफ गांधी और नेहरू की विचारधारा है तो दूसरी तरफ अंबेडकर की विचारधारा भी स्थापित हो। यह न्यूज़ की कटिंग उन्होंने मायावती के कार्यालय तक पहुंचा दी थी। इसके लिए मायावती ने अक्षरधाम के ठीक सामने वाली जगह की तलाश शुरू की नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन चेयरमैन मोहिंदर सिंह को इसके लिए लगाया गया और उन्होंने यमुना और मुख्य मार्ग के बीच की खाली जगह का चयन कर लिया इसके बाद मायावती ने जनवरी या फरवरी 2008 में अचानक नोएडा का दौरा किया वह जिला अस्पताल देखने गई कालीचरण मार्केट सेक्टर 18 में मंच पर खड़े होकर उन्होंने भाषण दिया और उसके बाद वहां से निकली जहां आज दलित प्रेरणा स्थल बना है।
मेरी जानकारी के मुताबिक अक्षरधाम के ठीक सामने वाली जगह वैसे तो उत्तर प्रदेश की है लेकिन वहां मास्टर प्लान दिल्ली का लागू होता है इसी कारण से दलित प्रेरणा स्थल का स्थान बदला गया और यह फ़िल्म सिटी के ठीक सामने ग्रीन एरिया में बनाने का प्लान तैयार किया गया उस समय सेक्टर 15ए आरडब्लूए से जुड़े हुए कुछ लोगों ने और पर्यावरण विदों ने इसका विरोध किया उन्होंने कहा कि इससे ग्रीन बेल्ट को नुकसान होगा और वहां तब एक प्राधिकरण का ऐसा पार्क था जिसमें लोग अपने पूर्वजों की अपने जन्मदिन पर और अन्य किसी महत्वपूर्ण दिवस पर एक पेड़ लगाते थे ऐसे सैकड़ों पेड़ पार्क में लगे हुए थे पार्क को यहां से शिफ्ट कर सेक्टर 72 ले जाया गया और यहां दलित प्रेरणा स्थल बना है जो समाचार में मैंने लाइनें लिखी थी कि गांधी नेहरू की विचारधारा के एक किनारा यमुना का होने की कारण इसके दूसरे किनारे पर नोएडा में अंबेडकर कांशीराम की विचारधारा का यह प्रतीक स्थापित किया जा रहा है यह लाइनें स्मारक के अंदर ताम्रपत्र में लिखी गई है। आप जब जाए तो इन लाइनों को जरूर पढ़ें, 2007 से लेकर 2012 तक दलित प्रेरणा स्थल का निर्माण हुआ और यह कार्य 14 अक्टूबर 2011 को पूरा हुआ तब से राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल देश भर की दलित आइकॉन के रूप में प्रसिद्ध हो गया है और जब भी कोई लोग दिल्ली आते हैं तो यह स्थल देखने जरूर आते हैं इस पार्क की एक खास बात यह है कि इसके एक हिस्से में मुख्य स्मारक के रूप में बाबासाहेब आंबेडकर बसपा के संस्थापक कांशीराम और मायावती की प्रतिमा के साथ साथ मायावती जी के माता पिता के साथ उनकी मूर्ति भी है तो दूसरी तरफ देश में सामाजिक सुधार वाले सुधारकों की प्रतिमा
है इसे लेकर कानूनी लड़ाई भी चली लेकिन सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद यह पूरी तरह तैयार हुआ और अब लोगों के लिए एक प्रसिद्ध स्थल के रूप में विकसित हो चुका है आज की जानकारी में इतना ही पढ़ते रहिए मेरा यह ब्लॉग अब इजाजत दीजिए नोएडा एनसाइक्लोपीडिया विनोद शर्मा को नमस्कार
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