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सेहत की बात: दांत दर्द के साथ हार्ट अटैक के लक्षण, अनदेखी बन सकती है जानलेवा

नोएडा, 5 जून।

दांत दर्द हो या दिल की बीमारी शरीर के संकेतों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। छोटे-छोटे लक्षण भी गंभीर बीमारी की चेतावनी होते हैं। इसलिए जरूरी है कि नियमित जांच कराएं और अपनी सेहत को प्राथमिकता दें।

फेलिक्स अस्पताल के डॉ. अदिति नारद ने बताया कि दांत दर्द को अक्सर लोग मामूली समस्या मानते हैं। मगर यह कई बार शरीर के अंदर चल रही गंभीर समस्याओं की चेतावनी होती है। दूसरी ओर हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा एक जानलेवा स्थिति है। जिसकी समय रहते पहचान और इलाज बेहद जरूरी है। दोनों समस्याएं अगर समय रहते नजरअंदाज की जाएं, तो गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं। दांत दर्द के पीछे कई कारण होते हैं। जिनमें सबसे आम हैं दांतों में कीड़ा लगना यानी कैविटी यह सबसे सामान्य कारण है। इसी तरह मसूड़ों की बीमारी यानी पायरिया के कारण मसूड़ों से खून आना, सूजन और दर्द का कारण बनता है। दांत टूटना या क्रैक हो जाना भी अंदर की नसें प्रभावित होने पर तेज दर्द होता है। विजडम टूथ यानी अकल दाढ़ यह जब गलत दिशा में उगती है तो अत्यधिक पीड़ा देती है। साइनस या हार्ट संबंधी समस्याएं भी कभी-कभी दांत दर्द, विशेष रूप से बाएं जबड़े में, दिल की बीमारी का संकेत होती है। अगर दांत दर्द के साथ सीने में दबाव, सांस फूलना या बाएं हाथ में झनझनाहट हो तो यह हार्ट अटैक का संकेत होता है इसलिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसका मुख्य कारण हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल। धूम्रपान और शराब का सेवन होता है। तनाव और जीवनशैली की गड़बड़ी, डायबिटीज और मोटापा, शारीरिक गतिविधि की कमी भी इसका कारण होती है। स्वास्थ्य से जुड़ी छोटी लापरवाही बड़ी मुसीबत बनती है। इसलिए सेहत का ख्याल रखें। हार्ट अटैक की स्थिति में तुरंत मेडिकल सहायता जरूरी होती है। एम्बुलेंस बुलाना, सीपीआर देना और अस्पताल में इमरजेंसी एंजियोग्राफी, स्टेंट या बायपास सर्जरी जैसे इलाज किए जाते हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के अनुसार भारत में हर साल लगभग 28 लाख मौतें हृदय रोगों से होती हैं। हर तीसरे व्यक्ति की मौत का कारण दिल से जुड़ी बीमारी होती है। ग्रामीण भारत में भी हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं। 40 साल से कम उम्र के लोगों में भी अब यह समस्या आम है।

लक्षणः
सीने में दबाव या जकड़न
बाएं हाथ, गर्दन, जबड़े या पीठ में दर्द
सांस लेने में तकलीफ
अत्यधिक पसीना आना
चक्कर आना या मितली

बचाव और रोकथाम के उपाय:
स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं यानी रोजाना व्यायाम करें, संतुलित भोजन लें।
तनाव कम करें यानी योग, ध्यान और भरपूर नींद लें।
धूम्रपान व शराब से दूरी बनाएं।
नियमित जांच कराते रहें यानी ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, शुगर जांच कराएं।
दांतों की देखभाल यानी हर 6 महीने में डेंटल चेकअप कराएं, क्योंकि मुंह की बीमारियों का सीधा संबंध हृदय रोगों से भी जुड़ा है।

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