-विशेषज्ञों की सलाह है कि दोपहर में धूप से बचें, पानी अधिक पिएं और शरीर को ठंडा रखें
नोएडा, 14 जून।
गर्मी का मौसम जितना सुस्त और धीमा है, उतना ही घातक भी। अगर समय रहते सावधानी न बरती जाए, तो स्थित घातक हो सकती है। गर्मी का पारा चढ़ने के साथ ही हीट स्ट्रोक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसलिए सुबह 11 बजे से 5 बजे की बीच दोपहर में धूप से बचें। पानी अधिक पिएं और शरीर को ठंडा रखें।
फेलिक्स हॉस्पिटल्स की जनरल फिजिशियन डॉ. अंशुमाला सिन्हा ने बताया कि उत्तर भारत में लगातार बढ़ते तापमान और तेज गर्म हवाओं (लू) के कारण हीट स्ट्रोक का खतरा गहराता जा रहा है। दोपहर में बाहर निकलना अब केवल असहज ही नहीं, बल्कि जानलेवा भी हो सकता है। यह स्थिति विशेषकर बुजुर्गों, बच्चों और बीमार व्यक्तियों के लिए और अधिक खतरनाक बन जाती है। गर्मी के मौसम में जब शरीर का तापमान 104 डिग्री फारेनहाइट से अधिक हो जाता है और व्यक्ति पसीना नहीं बहाता, तो समझ लेना चाहिए कि वह हीट स्ट्रोक की चपेट में आ सकता है। इसमें मस्तिष्क और शरीर के अन्य अंगों की कार्यप्रणाली प्रभावित होने लगती है, जो कि तत्काल चिकित्सा न मिलने पर मृत्यु तक का कारण बन सकता है।
हीट स्ट्रोक एक आपातकालीन स्थिति है जिसे सामान्य चक्कर या कमजोरी समझकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। समय रहते सतर्क रहना ही इस समस्या से बचाव का एकमात्र उपाय है। जब व्यक्ति लंबे समय तक गर्म वातावरण में रहता है या गर्मी में शारीरिक मेहनत करता है, तब शरीर अधिक तापमान झेल नहीं पाता और ठंडा नहीं रह पाता। शरीर की आंतरिक प्रणाली विफल होने लगती है, जिससे हीट स्ट्रोक हो सकता है। यदि शरीर में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन हो जाए और व्यक्ति को प्यास भी महसूस न हो, तो खतरा और बढ़ जाता है। अगर किसी को हीट स्ट्रोक हो गया है, तो उसे तुरंत ठंडी जगह पर ले जाएं। उसके शरीर पर ठंडे पानी की पट्टियां रखें या पानी से स्नान कराएं। पानी या ओआरएस घोल दें और शरीर का तापमान कम करने की कोशिश करें। यदि स्थिति गंभीर हो तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। दोपहर के समय सूरज की किरणें बहुत तीव्र होती हैं। शरीर का तापमान तेजी से बढ़ने लगता है और गर्म हवाएं शरीर को और अधिक नुकसान पहुंचाती हैं। उन्होंने सलाह दी कि लोग सुबह का नाश्ता करके ही बाहर निकलें और खूब पानी पीते रहें।
हीट स्ट्रोक के लक्षण:
सिरदर्द, चक्कर आना और उलझन
मांसपेशियों में ऐंठन या कमजोरी
शरीर में पसीना आना बंद हो जाना
तेज़ धड़कन और सांस लेने में कठिनाई
उल्टी, बेहोशी या मानसिक स्थिति में बदलाव
गर्मी से बचने के लिए जरूरी उपाय:
हल्के और ढीले कपड़े पहनें, सूती कपड़े बेहतर होते हैं।
टाइट या सिंथेटिक कपड़े पहनने से बचें।
टोपी या छतरी का उपयोग करें और सनस्क्रीन लगाएं।
नींबू पानी, नारियल पानी, बेल शरबत और लस्सी का अधिक सेवन करें।
बाहर जाते समय धूप से खुद को सुरक्षित रखें और आवश्यक होने पर ही निकलें।
धूप में शारीरिक मेहनत करने से बचें, विशेषकर दोपहर 12 से 4 बजे के बीच।
बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।