-नोएडा-फरीदाबाद को जोड़ने वाला FNG एक्सप्रेसवे:
-अमृता हॉस्पिटल के निकट यमुना पर 600 मीटर लंबा पुल बनेगा, 2027 तक पूरा होने की उम्मीद
नई दिल्ली/नोएडा, 14 जून।
नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) और नोएडा प्राधिकरण ने फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद (FNG) एक्सप्रेसवे के तहत नोएडा को फरीदाबाद से जोड़ने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना को गति दी है। इस परियोजना का मुख्य आकर्षण ग्रेटर फरीदाबाद के अमृता हॉस्पिटल के निकट यमुना नदी पर 600 मीटर लंबा पुल है, जो नोएडा के सेक्टर 168 को फरीदाबाद के लालपुर गांव से जोड़ेगा। यह पुल न केवल यात्रा समय को कम करेगा, बल्कि दिल्ली-एनसीआर में ट्रैफिक जाम की समस्या को भी काफी हद तक हल करेगा।
FNG एक्सप्रेसवे का महत्व और रूट:
FNG एक्सप्रेसवे 56 किलोमीटर लंबा, छह-लेन (आठ-लेन तक विस्तार योग्य) राजमार्ग है, जो हरियाणा के फरीदाबाद को उत्तर प्रदेश के नोएडा और गाजियाबाद से जोड़ेगा। इसका 28.1 किमी हिस्सा फरीदाबाद में, 20 किमी नोएडा-ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में, और 8 किमी गाजियाबाद में होगा। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के फरीदाबाद बायपास से शुरू होकर नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (NH-34) से जुड़ेगा।
FNG एक्सप्रेसवे 56 किलोमीटर लंबा, छह-लेन (आठ-लेन तक विस्तार योग्य) राजमार्ग है, जो हरियाणा के फरीदाबाद को उत्तर प्रदेश के नोएडा और गाजियाबाद से जोड़ेगा। इसका 28.1 किमी हिस्सा फरीदाबाद में, 20 किमी नोएडा-ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में, और 8 किमी गाजियाबाद में होगा। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के फरीदाबाद बायपास से शुरू होकर नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (NH-34) से जुड़ेगा।
एक्सप्रेसवे का प्रारंभिक बिंदु ग्रेटर फरीदाबाद में मां अमृता हॉस्पिटल के पास होगा, जो लालपुर गांव से होकर गुजरेगा। यहां से यमुना नदी पर चक मंगरौली के पास प्रस्तावित 600 मीटर लंबा पुल नोएडा के सेक्टर 168 को फरीदाबाद से जोड़ेगा। यह मार्ग शाहपुर में फरीदाबाद बायपास एक्सप्रेसवे से मिलेगा, जो दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का हिस्सा है।
यमुना पुल की विशेषताएं और लागत:
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लंबाई और स्थान: 550-600 मीटर लंबा यह पुल नोएडा के सेक्टर 168 को फरीदाबाद के लालपुर गांव से जोड़ेगा। कुछ स्रोतों के अनुसार, यह मंगरोली गांव के पास बनेगा।
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लागत: इस पुल के निर्माण की अनुमानित लागत 460 करोड़ रुपये है, जिसे उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकारें 50-50 प्रतिशत सेअर करेंगी। हरियाणा की ओर से निर्माण कार्य की जिम्मेदारी होगी, जबकि नोएडा प्राधिकरण लागत का आधा हिस्सा वहन करेगा।
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निर्माण समयसीमा: इस पुल और एक्सप्रेसवे के नोएडा खंड को 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है, हालांकि पूरे एक्सप्रेसवे के लिए 2028 तक की समयसीमा दी गई है।
वर्तमान स्थिति और प्रगति:
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नोएडा खंड: नोएडा में 23 किमी के खंड में से 11.6 किमी का निर्माण कार्य 70% पूरा हो चुका है, और 3 किमी का हिस्सा (छिजारसी से नोएडा एक्सटेंशन) पहले से ही चालू है। शेष 12.1 किमी में 650 मीटर का एलिवेटेड रोड और यमुना पुल जैसे महत्वपूर्ण कार्य बाकी हैं।
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फरीदाबाद और गाजियाबाद: इन क्षेत्रों में निर्माण कार्य अभी शुरू नहीं हुआ है। फरीदाबाद में भूमि अधिग्रहण और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है, जो अगले 2-3 महीनों में पूरी हो सकती है।
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हालिया प्रगति: मार्च 2025 में हरियाणा सरकार ने इस परियोजना को मंजूरी दी, जो दो दशकों से लंबित थी। इसके बाद, नोएडा और फरीदाबाद प्राधिकरणों ने यमुना पुल के लिए लागत साझेदारी पर सहमति जताई, जिससे परियोजना को गति मिली।
क्या रहेगा प्रभाव:
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यात्रा समय में कमी: वर्तमान में नोएडा से फरीदाबाद की यात्रा (लगभग 32 किमी) में कालिंदी कुंज मार्ग से 1-1.5 घंटे लगते हैं। इस पुल और एक्सप्रेसवे के पूरा होने पर यह समय घटकर 30 मिनट रह जाएगा, जिससे रोजाना लगभग 1 लाख यात्रियों को लाभ होगा।
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दिल्ली में जाम से राहत: यह एक्सप्रेसवे दिल्ली के भीड़भाड़ वाले मार्गों को बायपास करेगा, जिससे NH-19 और DND फ्लाईवे पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा।
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आर्थिक विकास: यह परियोजना नोएडा के सेक्टर 117-123, 70, 150 और फरीदाबाद के सेक्टर 66-89 में रियल एस्टेट और व्यावसायिक विकास को बढ़ावा देगी। यह IGI हवाई अड्डे और प्रस्तावित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) तक पहुंच को भी आसान बनाएगा।
चुनौतियां और बाधाएं:
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भूमि अधिग्रहण: फरीदाबाद में 10 किमी के लिए भूमि अधिग्रहण एक बड़ी चुनौती है, जिसके कारण पहले भी देरी हुई है।
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संस्थागत समन्वय: NHAI, नोएडा प्राधिकरण, फरीदाबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (FMDA), और PWD के बीच समन्वय की कमी के कारण परियोजना में देरी हुई। हाल ही में हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारों के बीच सहमति ने इस समस्या को हल करने की दिशा में कदम उठाया है।
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वित्तीय विवाद: यमुना पुल की लागत साझेदारी को लेकर दोनों राज्यों के बीच लंबे समय तक असहमति थी, जिसे 2023 में पूर्व गाजियाबाद सांसद वी.के. सिंह के हस्तक्षेप के बाद हल किया गया।
NHAI की भूमिका और भविष्य की योजनाएं:
हाल के घटनाक्रमों में, हरियाणा सरकार ने FNG एक्सप्रेसवे के निर्माण का जिम्मा NHAI को सौंपने की प्रक्रिया शुरू की है, जिसके लिए 900 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है। DPR की तैयारी 2-3 महीनों में पूरी होने की संभावना है। इसके अलावा, नोएडा में 3.68 किमी का अंडरपास (लागत 30.29 करोड़ रुपये) और 650 मीटर का एलिवेटेड रोड (लागत 633 करोड़ रुपये) भी प्रस्तावित है।
हाल के घटनाक्रमों में, हरियाणा सरकार ने FNG एक्सप्रेसवे के निर्माण का जिम्मा NHAI को सौंपने की प्रक्रिया शुरू की है, जिसके लिए 900 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है। DPR की तैयारी 2-3 महीनों में पूरी होने की संभावना है। इसके अलावा, नोएडा में 3.68 किमी का अंडरपास (लागत 30.29 करोड़ रुपये) और 650 मीटर का एलिवेटेड रोड (लागत 633 करोड़ रुपये) भी प्रस्तावित है।
नागरिकों की मांग और सामाजिक प्रतिक्रिया:
नोएडा के सेक्टर 119 और 120 के निवासियों ने अधूरे FNG खंडों के कारण होने वाली ट्रैफिक समस्याओं की शिकायत की है। लोगों ने इस परियोजना को जल्द पूरा करने की मांग की है, क्योंकि वर्तमान में एकल-लेन सड़कों पर जाम और दुर्घटना का जोखिम बना रहता है।
नोएडा के सेक्टर 119 और 120 के निवासियों ने अधूरे FNG खंडों के कारण होने वाली ट्रैफिक समस्याओं की शिकायत की है। लोगों ने इस परियोजना को जल्द पूरा करने की मांग की है, क्योंकि वर्तमान में एकल-लेन सड़कों पर जाम और दुर्घटना का जोखिम बना रहता है।