ग्रेटर नोएडा, (नोएडा खबर)
गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट ने जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के विकास में व्यवधान डालने की साजिश रचने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश कर एक बड़ी सफलता हासिल की है। थाना जेवर पुलिस और स्वाट टीम ने मिलकर तीन अपहृत व्यक्तियो हंसराज, उनकी पत्नी श्रीमती कमलेश देवी और पुत्र सौरभ को सकुशल बरामद कर लिया है। इस मामले में पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक पायलट समेत दो महिलाएं शामिल हैं।
घटना का विवरण:
इस घटना के बारे में डीसीपी ग्रेटर नोएडा साद मियां खान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के स्टेज 01, फेज 01 के तहत छह गांवों के सभी परिवारों को आरआर साइट, जेवर में पुनर्वासित किया गया था। इस दौरान ग्राम रोही निवासी हंसराज और उनका परिवार (पत्नी कमलेश देवी, पुत्र सौरभ और सोनू) एयरपोर्ट की बाउंड्री वॉल के अंदर पिछले तीन वर्षों से रह रहा था और वहां से हटने को तैयार नहीं था। 29 मई 2025 को उपजिलाधिकारी जेवर ने हंसराज के परिवार को आरआर साइट पर आवंटित भूखंड पर स्थानांतरित कर दिया था।
इस घटना के बारे में डीसीपी ग्रेटर नोएडा साद मियां खान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के स्टेज 01, फेज 01 के तहत छह गांवों के सभी परिवारों को आरआर साइट, जेवर में पुनर्वासित किया गया था। इस दौरान ग्राम रोही निवासी हंसराज और उनका परिवार (पत्नी कमलेश देवी, पुत्र सौरभ और सोनू) एयरपोर्ट की बाउंड्री वॉल के अंदर पिछले तीन वर्षों से रह रहा था और वहां से हटने को तैयार नहीं था। 29 मई 2025 को उपजिलाधिकारी जेवर ने हंसराज के परिवार को आरआर साइट पर आवंटित भूखंड पर स्थानांतरित कर दिया था।
इसके बाद, 2 जून 2025 को हंसराज के पुत्र सोनू ने अपने पिता हंसराज, माता कमलेश देवी और भाई सौरभ के कथित अवैध हिरासत में होने का आरोप लगाते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में हैबियस कॉर्पस रिट याचिका (480/2025) दायर की थी। इस याचिका में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। उच्च न्यायालय ने 9 जून को याचिका स्वीकार करते हुए 11 जून तक तीनों व्यक्तियों को अदालत में पेश करने का आदेश दिया था। हालांकि, पुलिस की सात टीमें गठित करने और व्यापक तलाशी के बावजूद उस समय तीनों को पेश नहीं किया जा सका। इसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 7 जुलाई 2025 निर्धारित की थी।
पुलिस की कार्रवाई:
पुलिस कमिश्नर श्रीमती लक्ष्मी सिंह के निर्देशन, अपर पुलिस आयुक्त डॉ. राजीव नारायण मिश्र के पर्यवेक्षण और पुलिस उपायुक्त ग्रेटर नोएडा साद मियाँ खान के नेतृत्व में सात पुलिस टीमों ने वैज्ञानिक विधियों, स्थानीय अभिसूचना, सीसीटीवी फुटेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों का उपयोग कर जांच को आगे बढ़ाया। 26 जून 2025 को हंसराज के परिचित कामेश की लिखित तहरीर के आधार पर थाना जेवर में मुकदमा (205/2025) धारा 140(3) बीएनएस के तहत दर्ज किया गया।
पुलिस कमिश्नर श्रीमती लक्ष्मी सिंह के निर्देशन, अपर पुलिस आयुक्त डॉ. राजीव नारायण मिश्र के पर्यवेक्षण और पुलिस उपायुक्त ग्रेटर नोएडा साद मियाँ खान के नेतृत्व में सात पुलिस टीमों ने वैज्ञानिक विधियों, स्थानीय अभिसूचना, सीसीटीवी फुटेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों का उपयोग कर जांच को आगे बढ़ाया। 26 जून 2025 को हंसराज के परिचित कामेश की लिखित तहरीर के आधार पर थाना जेवर में मुकदमा (205/2025) धारा 140(3) बीएनएस के तहत दर्ज किया गया।
जांच के दौरान पता चला कि अभियुक्तों कैप्टन पुत्तन सिंह (वर्तमान में एक उड्डयन कंपनी में पायलट), प्रमोद, पवन चौधरी, सरोज बाला और रामा देवी ने आपराधिक साजिश रचकर हंसराज और उनके परिवार को बंधक बनाया था। यह साजिश जेवर एयरपोर्ट के विकास, अधिग्रहण और पुनर्वास प्रक्रिया में बाधा डालने, क्षेत्र में वर्चस्व स्थापित करने और अनैतिक आर्थिक लाभ कमाने के उद्देश्य से रची गई थी।
बरामदगी और गिरफ्तारी:
27 जून 2025 को पुलिस ने गोपनीय सूचना के आधार पर दयानतपुर के एक एकांत घेर से हंसराज, कमलेश देवी और सौरभ को सकुशल बरामद किया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि 6 जून 2025 को कैप्टन पुत्तन सिंह ने इलाज के बहाने तीनों को अपहरण किया था। उन्हें पहले नोएडा के सेक्टर 135 में कैप्टन पुत्तन के घर ले जाया गया, फिर दिल्ली के मैदानगढ़ी में रामा देवी के घर छुपाया गया। 14 जून तक उन्हें वहां रखा गया और बाद में 15 जून को पवन चौधरी की मदद से दयानतपुर के एकांत स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया। इस दौरान उनके मोबाइल फोन बंद रखे गए और किसी से संपर्क नहीं करने दिया गया।
27 जून 2025 को पुलिस ने गोपनीय सूचना के आधार पर दयानतपुर के एक एकांत घेर से हंसराज, कमलेश देवी और सौरभ को सकुशल बरामद किया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि 6 जून 2025 को कैप्टन पुत्तन सिंह ने इलाज के बहाने तीनों को अपहरण किया था। उन्हें पहले नोएडा के सेक्टर 135 में कैप्टन पुत्तन के घर ले जाया गया, फिर दिल्ली के मैदानगढ़ी में रामा देवी के घर छुपाया गया। 14 जून तक उन्हें वहां रखा गया और बाद में 15 जून को पवन चौधरी की मदद से दयानतपुर के एकांत स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया। इस दौरान उनके मोबाइल फोन बंद रखे गए और किसी से संपर्क नहीं करने दिया गया।
पुलिस ने कैप्टन पुत्तन सिंह, प्रमोद, पवन चौधरी, रामा देवी और सरोज बाला को गिरफ्तार कर लिया। अपहरण में इस्तेमाल बीएमडब्ल्यू गाड़ी (रजि. नं. UP16CN3205) भी बरामद की गई।
साजिश का मकसद:
पुलिस के अनुसार, इस साजिश का मुख्य उद्देश्य जेवर एयरपोर्ट परियोजना में व्यवधान पैदा करना, शांति भंग करना और क्षेत्र में अभियुक्तों का दबदबा कायम करना था। इसके अलावा, अपहरण और संभावित हत्या के जरिए पुलिस व प्रशासन पर आरोप लगाकर दबाव बनाने की योजना थी।
पुलिस के अनुसार, इस साजिश का मुख्य उद्देश्य जेवर एयरपोर्ट परियोजना में व्यवधान पैदा करना, शांति भंग करना और क्षेत्र में अभियुक्तों का दबदबा कायम करना था। इसके अलावा, अपहरण और संभावित हत्या के जरिए पुलिस व प्रशासन पर आरोप लगाकर दबाव बनाने की योजना थी।
गिरफ्तार अभियुक्त:
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कैप्टन पुत्तन सिंह, निवा. सेक्टर 135, नोएडा
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प्रमोद, निवा. दयानतपुर, जेवर
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पवन चौधरी, निवा. दयानतपुर, जेवर
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रामा देवी, निवा. मैदानगढ़ी, दिल्ली
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सरोज बाला, निवा. सेक्टर 135, नोएडा
पुलिस कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर की इस कार्रवाई को जटिल आपराधिक साजिश को उजागर करने और अपहृत व्यक्तियों को सुरक्षित बरामद करने के लिए सराहा जा रहा है। अन्य संलिप्त व्यक्तियों की तलाश जारी है, और जल्द ही उनके खिलाफ भी विधिक कार्रवाई की जाएगी।