मेरठ: पश्चिमी यूपी में हाई कोर्ट की बेंच की मांग, अब सांसद अरुण गोविल से मिले बार अध्यक्ष संजय शर्मा, पीएम के साथ जल्द मीटिंग

मेरठ।(नोएडाखबर डॉटकॉम)
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना को लेकर शनिवार को मेरठ के लोकसभा सांसद अरुण गोविल ने इस मुद्दे पर मेरठ बार एसोसिएशन के साथ सकारात्मक और गंभीर चर्चा की। इस बैठक में सांसद ने न केवल इस मांग का समर्थन किया, बल्कि यह भी आश्वासन दिया कि वह जल्द ही इस विषय को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक अधिवक्ता प्रतिनिधि मंडल के साथ बैठक आयोजित करेंगे।

बैठक में मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय शर्मा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने सांसद अरुण गोविल से मुलाकात की और इस मुद्दे पर एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की आवश्यकता और इसके लाभों को विस्तार से बताया गया। सांसद गोविल ने इस मांग को गंभीरता से लिया और स्पष्ट किया कि वह इस मुद्दे को उच्च स्तर पर उठाएंगे। उनकी ओर से यह भरोसा दिलाया गया कि अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधि मंडल जल्द ही प्रधानमंत्री से मिलकर इस मांग को उनके समक्ष रखेगा।
क्यों है यह मांग महत्वपूर्ण?
पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जिसमें मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा जैसे बड़े शहर शामिल हैं, एक विशाल क्षेत्र है। यहाँ के निवासियों को उच्च न्यायालय से संबंधित मामलों के लिए इलाहाबाद या लखनऊ की लंबी यात्रा करनी पड़ती है, जो समय और धन दोनों की दृष्टि से बोझिल है। एक स्थानीय हाईकोर्ट बेंच की स्थापना से न्यायिक सेवाएँ सुलभ हो जाएंगी और क्षेत्र के लोगों को त्वरित व किफायती न्याय मिल सकेगा। इस संदर्भ में सांसद गोविल ने कहा, “पश्चिमी उत्तर प्रदेश को न्यायिक सुविधा देना सिर्फ क्षेत्र का हक़ नहीं, बल्कि भारतीय न्याय प्रणाली के प्रति सच्चा न्याय है।”
सांसद अरुण गोविल की भूमिका
सांसद अरुण गोविल, जो रामायण धारावाहिक में भगवान राम की भूमिका के लिए देशभर में प्रसिद्ध हैं, ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिबद्धता जताई। उनकी लोकप्रियता और प्रभाव इस मांग को राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान दिलाने में सहायक सिद्ध हो सकता है। बैठक में उन्होंने अधिवक्ताओं के साथ इस मांग की गंभीरता पर सहमति जताई और इसे शीघ्रता से आगे बढ़ाने का वादा किया।

इस पहल का अगला चरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्रस्तावित बैठक होगी। इस बैठक में अधिवक्ता प्रतिनिधि मंडल सांसद गोविल के साथ मिलकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना का मामला प्रस्तुत करेगा। इस मुलाकात का परिणाम इस लंबे समय से चली आ रही मांग के भविष्य को निर्धारित करने में निर्णायक हो सकता है।

संभावित प्रभाव

यदि यह मांग पूरी होती है, तो यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए न्याय तक पहुँच को आसान बनाएगा। साथ ही, यह अन्य क्षेत्रों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है, जहाँ न्यायिक सेवाओं के केंद्रीकरण के कारण समान चुनौतियाँ हैं। हालांकि, इस प्रस्ताव को लागू करने में कई प्रशासनिक और नीतिगत चुनौतियाँ हो सकती हैं, जिनका समाधान केंद्र सरकार को करना होगा।
निष्कर्ष
सांसद अरुण गोविल द्वारा दिया गया यह आश्वासन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। उनकी सक्रियता और प्रधानमंत्री के साथ प्रस्तावित बैठक ने क्षेत्र के कानूनी समुदाय और आम जनता में नई उम्मीद जगाई है। आने वाले महीनों में इस पहल के परिणाम पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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