नई दिल्ली (नोएडा खबर डॉट कॉम)
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने छात्रों की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। बोर्ड ने अपने संबद्ध सभी स्कूलों में हाई-रेजोल्यूशन सीसीटीवी कैमरे लगाने को अनिवार्य कर दिया है। यह निर्देश सीबीएसई के संबद्धता उप-नियमों (Affiliation Bye-Laws) 2018 के अध्याय 4 (भौतिक बुनियादी ढांचा) में संशोधन के तहत जारी किया गया है। इस कदम का उद्देश्य स्कूल परिसर में बच्चों को शारीरिक और भावनात्मक रूप से सुरक्षित रखना है।
सीसीटीवी लगाने का उद्देश्यसीबीएसई के सचिव हिमांशु गुप्ता के अनुसार, स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरि जिम्मेदारी है। यह नया नियम दो प्रमुख पहलुओं पर केंद्रित है:
- बाहरी खतरों से सुरक्षा: स्कूल परिसर में असामाजिक तत्वों से बच्चों को सुरक्षित रखना।
- आंतरिक कल्याण: स्कूलों में धमकाने (बुलिंग), भावनात्मक शोषण और अन्य छिपे खतरों से बच्चों की रक्षा करना।
यह कदम राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के ‘स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और संरक्षा मैनुअल’ के दिशानिर्देशों के अनुरूप है, जिसमें कहा गया है कि स्कूलों में सीसीटीवी कैमरों की नियमित निगरानी और रखरखाव आवश्यक है।
सीसीटीवी कैमरे कहां-कहां लगाए जाएंगे?
सीबीएसई ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि स्कूलों में निम्नलिखित स्थानों पर हाई-रेजोल्यूशन सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जिनमें रियल-टाइम ऑडियो-विजुअल रिकॉर्डिंग की सुविधा होनी चाहिए:
- स्कूल के सभी प्रवेश और निकास द्वार
- लॉबी, गलियारे और सीढ़ियां
- सभी कक्षाएं, प्रयोगशालाएं (लैब्स), पुस्तकालय
- कैंटीन क्षेत्र, स्टोर रूम
- खेल का मैदान और अन्य सामान्य क्षेत्र
नोट: गोपनीयता के मद्देनजर टॉयलेट और वॉशरूम में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए जाएंगे।
सीसीटीवी सिस्टम की तकनीकी आवश्यकताएं
- हाई-रेजोल्यूशन रिकॉर्डिंग: कैमरों में रियल-टाइम ऑडियो-विजुअल रिकॉर्डिंग की क्षमता होनी चाहिए।
- फुटेज स्टोरेज: प्रत्येक सीसीटीवी सिस्टम में कम से कम 15 दिनों की रिकॉर्डिंग को संग्रहीत करने की क्षमता वाला स्टोरेज डिवाइस होना चाहिए।
- बैकअप व्यवस्था: 15 दिनों की रिकॉर्डिंग का बैकअप अनिवार्य रूप से रखा जाएगा, जिसे आवश्यकता पड़ने पर अधिकारियों को उपलब्ध कराया जा सकेगा।
- नियमित रखरखाव: स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सीसीटीवी सिस्टम की नियमित निगरानी और रखरखाव किया जाए।
निर्देश का महत्व
सीबीएसई के इस कदम को कई शिक्षाविदों और अभिभावकों ने स्वागत योग्य बताया है। नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल्स कॉन्फ्रेंस (एनपीएससी) की अध्यक्ष और नोएडा के बाल भारती पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल आशा प्रभाकर ने कहा, “हाई-रेजोल्यूशन सीसीटीवी कैमरे लगाना एक स्वागत योग्य कदम है। इससे न केवल स्कूलों को बल्कि स्थानीय प्रशासन को भी जरूरत पड़ने पर लाभ होगा।”
हालांकि, कुछ स्कूल प्रशासकों, विशेष रूप से ग्रामीण और कम संसाधन वाले स्कूलों ने लागत और लॉजिस्टिक्स को लेकर चिंता जताई है। एक दिल्ली सरकारी स्कूल के अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कई स्कूलों में अभी भी पुराने वीडियो-केवल कैमरे हैं, जो रखरखाव की कमी और तृतीय-पक्ष संचालन के कारण ठीक से काम नहीं करते।
पहले से मौजूद सीसीटीवी नीति
गौरतलब है कि सीबीएसई ने सितंबर 2024 में बोर्ड परीक्षाओं की निष्पक्षता और अखंडता सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी निगरानी को अनिवार्य किया था। इस नए नियम के तहत, न केवल परीक्षा केंद्रों बल्कि स्कूल परिसर के सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सीसीटीवी निगरानी अनिवार्य होगी।
सामाजिक प्रभाव और भविष्य
यह कदम बच्चों के लिए एक सुरक्षित और सहायक वातावरण बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। एनसीपीसीआर के मैनुअल के अनुसार, स्कूलों को बच्चों को शारीरिक, भावनात्मक, और मनोसामाजिक खतरों से बचाने के लिए एक सुरक्षित माहौल प्रदान करना चाहिए। सीबीएसई ने यह भी स्पष्ट किया है कि स्कूलों की जिम्मेदारी केवल भौतिक सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें भावनात्मक सुरक्षा भी शामिल है, जो बुलिंग जैसी समस्याओं को रोकने में मदद करेगी।
सीबीएसई ने सभी संबद्ध स्कूलों के प्रमुखों और प्रबंधकों को निर्देश दिया है कि वे इस नियम का “अक्षरशः और भावना में” पालन करें। बोर्ड ने यह भी घोषणा की है कि एक महीने बाद स्कूलों में सीसीटीवी स्थापना की स्थिति पर डेटा एकत्र किया जाएगा।