ग्रेटर नोएडा की नई पहल: सोलर तकनीक से एसटीपी स्लज बनेगा खाद

ग्रेटर नोएडा।( नोएडा खबर डॉट कॉम)
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर्यावरण संरक्षण और अपशिष्ट प्रबंधन की दिशा में एक अभिनव कदम उठा रहा है। प्राधिकरण अब कासना स्थित 137 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से निकलने वाले स्लज को सोलर तकनीक के जरिए खाद में बदलने की योजना पर काम कर रहा है। इसके लिए आईआईटी दिल्ली से डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करवाई जा रही है, जो अगले सप्ताह तक पूरी हो जाएगी।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देश पर सीवर विभाग ने गोवा में इस्तेमाल हो रही सोलर ड्राई स्लज मैनेजमेंट (एसडीएसएम) तकनीक को अपनाने की योजना बनाई है। वरिष्ठ प्रबंधक विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि इस तकनीक के जरिए स्लज को मात्र पांच दिनों में सुखाकर भुरभुरी राख में बदला जा सकता है, जिसे बाद में खाद के रूप में परिवर्तित किया जाएगा। इस खाद का उपयोग उद्यानीकरण और हरित क्षेत्रों के विकास में किया जाएगा।

प्राधिकरण ने इस तकनीक को सबसे पहले कासना के 137 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी पर लागू करने का फैसला किया है। यदि यह प्रयोग सफल रहा, तो इसे बादलपुर (2 एमएलडी), ईकोटेक-2 (15 एमएलडी) और ईकोटेक-3 (20 एमएलडी) के एसटीपी पर भी लागू किया जाएगा।

यह परियोजना न केवल स्लज के सुरक्षित निपटान को सुनिश्चित करेगी, बल्कि ट्रीटेड वाटर के पुन: उपयोग के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देगी। प्राधिकरण का लक्ष्य है कि स्लज प्रबंधन के जरिए अपशिष्ट को उपयोगी संसाधन में बदला जाए, जिससे क्षेत्र में हरित विकास को बढ़ावा मिले।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एसीईओ) प्रेरणा सिंह ने कहा, “सोलर ड्राई स्लज मैनेजमेंट तकनीक के जरिए स्लज को कंपोस्ट में बदलने की योजना है। आईआईटी दिल्ली से डीपीआर प्राप्त होने के बाद इस परियोजना की विस्तृत जानकारी मिलेगी, जिसके आधार पर इसे लागू किया जाएगा।” यह पहल ग्रेटर नोएडा में अपशिष्ट प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो शहर को स्वच्छ और हरित बनाने में योगदान देगी।

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