सनसनीखेज खुलासा: यूपी STF ने गाजियाबाद में फर्जी दूतावास का किया भंडाफोड़, चन्द्रा स्वामी का सहयोगी हर्ष वर्धन जैन गिरफ्तार

गाजियाबाद (नोएडा खबर डॉट कॉम)
उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की नोएडा यूनिट ने एक हैरान करने वाली कार्रवाई में गाजियाबाद के कविनगर इलाके में चल रहे फर्जी दूतावास का पर्दाफाश किया है। इस ऑपरेशन में मुख्य आरोपी हर्ष वर्धन जैन, पुत्र जे.डी. जैन, निवासी केबी-45, कविनगर, को गिरफ्तार किया गया है। हर्ष वर्धन किराए के मकान (केबी-35, कविनगर) में अवैध रूप से ‘वेस्ट आर्कटिका’ समेत कई काल्पनिक देशों के दूतावास चला रहा था। वह खुद को वेस्ट आर्कटिका, सबोर्गा, पॉल्विया और लोडोनिया जैसे देशों का कॉन्सुल और एम्बेसडर बताकर लोगों को ठग रहा था।
प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति की फर्जी तस्वीरों से ठगी का जाल
हर्ष वर्धन ने लोगों को प्रभावित करने के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ अपनी मॉर्फ्ड तस्वीरों का इस्तेमाल किया। उसका मुख्य काम कंपनियों और व्यक्तियों को विदेशों में काम दिलाने के नाम पर दलाली करना और शेल कंपनियों के जरिए हवाला रैकेट चलाना था। हैरानी की बात यह है कि हर्ष वर्धन का नाम पहले भी विवादों से जुड़ चुका है। जांच में पता चला कि वह कुख्यात चंद्रास्वामी और अंतरराष्ट्रीय हथियार डीलर अदनान खगोशी के संपर्क में रह चुका है। साल 2011 में उसके पास से अवैध सैटेलाइट फोन भी बरामद हुआ था, जिसके लिए थाना कविनगर में मामला दर्ज है।
बरामदगी ने उड़ाए होश
STF की छापेमारी में हर्ष वर्धन के कब्जे से भारी मात्रा में आपराधिक सामग्री बरामद हुई है, जो उसके फर्जीवाड़े की गहराई को दर्शाती है:

  • 4 डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगी गाड़ियां
  • 12 फर्जी डिप्लोमैटिक पासपोर्ट (काल्पनिक माइक्रोनेशनों के)
  • विदेश मंत्रालय की फर्जी मोहर वाले दस्तावेज
  • 2 फर्जी पैन कार्ड
  • 34 विभिन्न देशों और कंपनियों की मोहरें
  • 2 फर्जी प्रेस कार्ड
  • 44,70,000 रुपये नकद
  • कई देशों की विदेशी मुद्रा
  • 18 डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट
  • कई कंपनियों के फर्जी दस्तावेज

पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
यूपी STF की इस कार्रवाई ने गाजियाबाद में हड़कंप मचा दिया है। थाना कविनगर में हर्ष वर्धन के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है, और अग्रिम वैधानिक कार्रवाई जारी है। STF अब हर्ष वर्धन के नेटवर्क और हवाला रैकेट के अंतरराष्ट्रीय कनेक्शनों की जांच कर रही है।
क्या है पूरा मामला?
हर्ष वर्धन जैन ने कविनगर में किराए के मकान को फर्जी दूतावास का ठिकाना बनाया था। वह काल्पनिक देशों के नाम पर डिप्लोमैटिक पासपोर्ट और नंबर प्लेट बनवाकर लोगों को ठगता था। उसका हवाला रैकेट शेल कंपनियों के जरिए चल रहा था, जिसके तार विदेशों तक जुड़े होने की आशंका है। इस सनसनीखेज खुलासे ने न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है।
STF के इस ऑपरेशन को अपराधियों पर नकेल कसने की दिशा में एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। जांच एजेंसियां अब इस बात की तहकीकात कर रही हैं कि हर्ष वर्धन का यह फर्जीवाड़ा कितने समय से चल रहा था और कितने लोग इसके शिकार हुए हैं।

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