ग्रेटर नोएडा,( नोएडा खबर डॉट कॉम)
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण को ग्रेटर नोएडा माली एवं सफाई कामगार यूनियन (सीटू) द्वारा दायर केस में मिले एवार्ड के तहत 46 करोड़ 36 लाख 80 हजार रुपये में से 23 करोड़ 18 लाख 40 हजार रुपये का ड्राफ्ट श्रम विभाग में जमा कराना पड़ा है। यह राशि संबंधित श्रमिकों को उनके बकाया भुगतान के लिए वितरित की जाएगी। प्राधिकरण ने शेष राशि जमा करने के लिए चार सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा है।
यह जानकारी 6 अगस्त 2025 को गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में सीटू यूनियन की याचिका पर सुनवाई के दौरान दी गई। उच्च न्यायालय ने प्राधिकरण को शेष बकाया राशि जमा करने के लिए 3 सितंबर 2025 तक की समयसीमा निर्धारित की है।
सीटू जिलाध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा ने बताया कि माननीय न्यायालय के आदेश के अनुपालन में प्राधिकरण ने श्रमिकों को कार्य पर बहाल करने के लिए श्रम विभाग को पत्र लिखा है। हालांकि, प्राधिकरण द्वारा लगाई गई कुछ शर्तों पर यूनियन ने आपत्ति जताई है और इस संबंध में श्रम विभाग व प्राधिकरण को अवगत करा दिया गया है। शर्तों पर सहमति बनने के बाद श्रमिकों की ड्यूटी पर बहाली सुनिश्चित होगी।यूनियन के महामंत्री रामकिशन ने जानकारी दी कि कर्मचारी प्राधिकरण में ड्यूटी पर बहाली के लिए प्रार्थना पत्र जमा करा रहे हैं। यह कदम श्रमिकों के 22 साल के लंबे संघर्ष की जीत का प्रतीक है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने भी प्राधिकरण को 240 माली और सफाई कर्मियों को 46 करोड़ 36 लाख 80 हजार रुपये का भुगतान करने और उनकी नौकरी बहाल करने का आदेश दिया था।
सीटू यूनियन ने इस फैसले को अपनी मेहनत और एकजुटता की जीत बताया है। यूनियन ने इस लंबी कानूनी लड़ाई में सहयोग करने वाले सभी अधिवक्ताओं और समर्थकों का आभार व्यक्त किया है।
सीटू यूनियन ने इस फैसले को अपनी मेहनत और एकजुटता की जीत बताया है। यूनियन ने इस लंबी कानूनी लड़ाई में सहयोग करने वाले सभी अधिवक्ताओं और समर्थकों का आभार व्यक्त किया है।