नोएडा, 18 मार्च।
नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ लोकेश एम ने नोएडा क्षेत्र के अंतर्गत 300 वर्ग मीटर या उससे अधिक एरिया के सभी तरह के घर या फ्लैट में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को निरीक्षण करने का आदेश दिया है और इस संबंध में 31 मार्च तक की तिथि तय की गई है 31 मार्च के बाद यदि किसी भी 300 वर्ग मीटर या उससे अधिक एरिया के घर या फ्लैट या किसी भी इकाई में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम दुरुस्त नहीं मिला तो नोएडा प्राधिकरण लीज डीड के तहत कार्रवाई कर सकता है। यह फैसला महत्वपूर्ण कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान लिया गया।
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ के अनुसार नौएडा भवन विनियमावली, 2010 में उल्लेखित प्राविधानों के अनुसार नौएडा क्षेत्र के अंतर्गत 300 वर्ग मी० अथवा उससे अधिक क्षेत्रफल के समस्त प्रकृति के भवनों यथा-आवासीय, औद्योगिक, संस्थागत, वाणिज्यिक, ग्रुप हाउसिंग आदि में रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का प्राविधान किया जाना आवश्यक है। प्राधिकरण द्वारा इस प्रकार के भवनों में स्थल पर रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का प्राविधान किये जाने के उपरान्त ही अधिभोग प्रमाण पत्र निर्गत किया जाता है।
सामान्यतः यह देखा गया है कि अधिभोग प्रमाण पत्र जारी हो जाने के उपरान्त भवन स्वामियों द्वारा रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को क्रियाशील अवस्था में नही रखा जाता है, जिसके परिणामस्वरूप जिस उद्देश्य के लिए रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया गया है, उस उद्देश्य की पूर्ति नही हो पाती है।
अतः प्राधिकरण द्वारा नौएडा क्षेत्र के समस्त प्रकृति के ऐसे भूखण्ड़ों, जिनका क्षेत्रफल 300 वर्ग मी० अथवा उससे अधिक है, के स्वामियों तथा ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं की ए.ओ.ए./आर.डब्लू.ए. से यह अपेक्षा की जाती है कि उनके द्वारा दिनांक 31.03.2025 तक अपने-अपने परिसरों में निर्मित रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की सफाई कराते हुए क्रियाशील अवस्था में ला दिया जाये।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा यह निर्देश दिये गये है कि दिनांक 31.03.2025 के उपरान्त समस्त वर्क सर्किल के सहा० प्रबन्धकों द्वारा 300 वर्ग मी० अथवा उससे अधिक क्षेत्रफल के समस्त प्रकृति के भवनों में यह निरीक्षण किया जायेगा कि स्थल पर रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम क्रियाशील है अथवा नही। यदि स्थल पर रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम क्रियाशील नही पाया जाता है, तो लीज डीड एवं भवन विनियमावली में दी गयी शर्तों के अनुरूप कार्यवाही की जायेगी, जिसमें भूखण्ड़ों का आवंटन निरस्त किया जाना भी सम्मिलित है।