नोएडा, 18 मार्च।
नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ लोकेश एम ने सोमवार को प्राधिकरण के विभागीय समीक्षा की। बैठक में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी के साथ-साथ अन्य विभागों के सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे। बैठक में नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे तथा समानान्तर मार्गों पर प्रकाश व्यवस्था को सुदृढ़ करते हुये डार्क स्पॉट्स को कम करने हेतु निर्देश दिये गये।
बैठक में अवगत कराया गया कि प्राधिकरण में 300 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल के सभी भूखण्डों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था की जानी अनिवार्य है तथा मानचित्र स्वीकृति एवं अधिभोग प्रमाण पत्र जारी करते समय इसका समावेश किया जाता है। परन्तु प्रायः यह देखा जाता है कि इन प्रावधानों के उपरान्त भी निर्मित परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग कार्यशील नहीं है। इस सम्बन्ध में निर्देश दिये गये कि सम्बन्धित विभाग ऐसे समी परिसरों में औचक निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। जिन परिसरों में यह व्यवस्था कार्यशील नहीं पायी जायेगी, उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
इसके अतिरिक्त अधिभोग प्रमाण पत्र जारी करते समय जिन भूखंडों में पार्किंग के प्राविधान करते समय 20 प्रतिशत पार्किंग को ई०वी० चार्जिंग की व्यवस्था करने हेतु अनिवार्यता की गई है। इन सभी भूखण्डों का भी औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिये गये। जिन भूखण्डों में ऐसी व्यवस्था नहीं पायी जायेगी ऐसे भूखण्डों के विरूद्ध भवन नियमावली के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी।
प्राधिकरण द्वारा पूर्व में हरित क्षेत्रों के अनुरक्षण के लिये अनेक स्थल एडॉप्शन हेतु विभिन्न संस्थाओं को दिये गये हैं। हरित क्षेत्रों का अनुरक्षण कार्य प्रारम्भ न होने के कारण महोदय द्वारा रोष प्रकट किया गया तथा सम्बन्धित विभाग को निर्देश दिये गये कि सम्बन्धित संस्थानों से स्पष्टीकरण प्राप्त करते हुये नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाये।
लेखा विभाग से भूखण्डों के विरूद्ध अतिदेयता की जानकारी प्राप्त करते हुये समस्त सम्पत्ति विभागों को अतिदेयता सम्बन्धी नोटिस प्रेषित किये जाने के निर्देश दिये गये। जिन आवंटियों द्वारा 3 अथवा इससे अधिक अतिदेयता सम्बन्धी नोटिस के उपरान्त भी भुगतान नहीं किया जा रहा है। उनके विरूद्ध पट्टा प्रलेख के प्राविधानों के अनुरूप कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।