उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले में नशीले पदार्थों की तस्करी के खिलाफ चलाई जा रही सतत मुहिम ने अप्रत्याशित सफलता हासिल की है। पुलिस कमिश्नर श्रीमती लक्ष्मी सिंह के नेतृत्व में कमिश्नरेट ने गैर-प्रांतों से गांजा और अन्य मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले अपराधियों पर कड़ा प्रहार किया है। 1 जनवरी 2023 से 28 अगस्त 2025 तक की अवधि में 1497 अभियोग दर्ज किए गए, 1688 अभियुक्त गिरफ्तार हुए और भारी मात्रा में नशीले पदार्थ जब्त किए गए।
यह आंकड़े न केवल जिले की सतर्कता को दर्शाते हैं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में नशा मुक्ति अभियान की दिशा में एक मजबूत कदम हैं।पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह, जो 2000 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं और उत्तर प्रदेश की पहली महिला पुलिस कमिश्नर के रूप में 2022 से इस पद पर हैं, ने बताया कि यह मुहिम खुफिया सूचनाओं के त्वरित संकलन, निरंतर निगरानी और प्रभावी रणनीतियों पर आधारित है। “नारकोटिक्स अधिनियम के तहत हम विशेष रूप से उन अपराधियों पर नजर रख रहे हैं जो अन्य राज्यों से भारी मात्रा में नशीले पदार्थ ला रहे हैं। हमारा लक्ष्य नशे की कमर तोड़ना है ताकि भावी पीढ़ी सुरक्षित रहे,” उन्होंने कहा। श्रीमती सिंह ने जिले में महिलाओं और युवाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, साइबर क्राइम और संगठित अपराधों पर भी फोकस किया है, जो नशा तस्करी से जुड़े हैं।जब्त नशीले पदार्थों का विवरणकमिश्नरेट ने इस अवधि में जब्त नशीले पदार्थों की मात्रा का ब्योरा जारी किया है, जो निम्नलिखित है:
नशीला पदार्थ
मात्रा (किलोग्राम/ग्राम/गोलियां)
गांजा
8504.582 किग्रा
अफीम
9.532 किग्रा
स्मैक
16.249 किग्रा
चरस
8.10 किग्रा
मैथाफेटामाइन
104.890 किग्रा
कोकीन
148 ग्राम
कैनाबिस
163.40 किग्रा
नशीली गोलियां
471
नशीला पाउडर
925.50 किग्रा
इसके अलावा, तस्करी में प्रयुक्त 54 वाहनों को जब्त किया गया, जो अवैध गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहे थे। कुल मिलाकर, जब्त पदार्थों की अनुमानित कीमत करोड़ों रुपये में है, जो नशा तस्करी के नेटवर्क को आर्थिक रूप से कमजोर करने का प्रमाण है।
मुहिम का विश्लेषण: सफलताओं और चुनौतियां
यह मुहिम उत्तर प्रदेश पुलिस के व्यापक ‘नशा मुक्त समाज – सुरक्षित भविष्य’ अभियान का हिस्सा है, जिसके तहत राज्य स्तर पर एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) गठित की गई है। 2022 में ANTF के गठन के बाद से पूरे यूपी में 50,000 से अधिक केस दर्ज हुए हैं, और 5,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के नशीले पदार्थ जब्त किए गए हैं। गौतम बुद्ध नगर, जो दिल्ली-एनसीआर का हिस्सा है, इस अभियान में अग्रणी रहा है। 2023 में जिले में साइबर क्राइम और ड्रग्स से जुड़े 89 केस बस्ट हुए, जिसमें 92 गिरफ्तारियां और 1,000 किग्रा से अधिक ड्रग्स जब्त हुए। 2024 में राष्ट्रीय स्तर पर ड्रग जब्ती 55% बढ़ी, जो 25,330 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, और यूपी इसमें महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
विश्लेषण से पता चलता है कि जिले की भौगोलिक स्थिति दिल्ली से सटी सीमाएं और व्यस्त हाईवे नशा तस्करी को आसान बनाती है। गैर-प्रांतों जैसे ओडिशा, मणिपुर और अन्य राज्यों से आने वाले गांजे की तस्करी यहां का प्रमुख खतरा है। हाल के वर्षों में, मैथ लैब बस्ट जैसे ग्रेटर नोएडा में 95 किग्रा मेथाफेटामाइन जब्ती (2024) ने अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन, जैसे मैक्सिको के कार्टेल को उजागर किया। पुलिस की रणनीति में खुफिया नेटवर्क, ड्रोन निगरानी और इंटर-एजेंसी कोऑर्डिनेशन शामिल है, जो सफल रही है। हालांकि, चुनौतियां बनी हुई हैं: डार्क वेब और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी तस्करी बढ़ रही है, और युवाओं में नशे का प्रसार (स्कूल-कॉलेजों के आसपास) एक सामाजिक समस्या है।
2025 में जिला प्रशासन ने ड्रिंक ड्राइविंग और ड्रग यूजर्स का डेटाबेस बनाने का फैसला लिया है, जिसमें काउंसलिंग पर जोर दिया जाएगा।पुलिस कमिश्नरेट ने आमजन से अपील की है कि नशे के खिलाफ इस सामाजिक अभियान में सहयोग करें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना स्थानीय थाने या डायल 112 पर दें। श्रीमती लक्ष्मी सिंह ने कहा, “हमारी प्रतिबद्धता है कि नशा मुक्त समाज बनाकर सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करेंगे।” यह मुहिम न केवल कानूनी कार्रवाई है, बल्कि युवाओं को नशे से बचाने का सामाजिक प्रयास भी है।