लखनऊ, (नोएडा खबर डॉट कॉम)
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की सुप्रीमो मायावती 9 अक्टूबर को पार्टी के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में एक विशाल रैली को संबोधित करेंगी। इस रैली को 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बीएसपी की रणनीति और मिशन 2027 के शुभारंभ के रूप में देखा जा रहा है। यह कार्यक्रम मान्यवर श्री कांशीराम जी स्मारक स्थल पर आयोजित होगा, जहां मायावती कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगी और पार्टी की भविष्य की रणनीति का खुलासा करेंगी।
मायावती ने रविवार को लखनऊ में बीएसपी के राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें 9 अक्टूबर की रैली की तैयारियों पर चर्चा हुई। उन्होंने जिला, सेक्टर और बूथ स्तर पर पार्टी की संगठनात्मक संरचना को मजबूत करने के लिए 80% कार्य पूरा होने पर संतोष जताया और शेष कार्य को रैली के बाद पूरा करने का निर्देश दिया। पार्टी ने इस रैली के लिए “लखनऊ चलो” का नारा दिया है और तीन लाख से अधिक लोगों की भीड़ जुटाने का लक्ष्य रखा है।
बीएसपी के यूपी अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने बताया कि यह रैली 2027 के विधानसभा और 2029 के लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी का मिशन शुरू करने का मंच होगी। मायावती, जो 2012 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद से सार्वजनिक रैलियों में कम नजर आती हैं, इस बार कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने और दलित व अति पिछड़े वर्गों के मतदाताओं को जोड़ने की रणनीति पर काम करेंगी।
हालांकि, इस बैठक में मायावती के भतीजे और बीएसपी के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद की अनुपस्थिति ने चर्चा को जन्म दिया। पार्टी सूत्रों के अनुसार, आकाश बिहार में 10 सितंबर से शुरू होने वाली सर्वजन हिताय यात्रा की तैयारियों में व्यस्त थे। मायावती ने धार्मिक स्थलों और महापुरुषों के अपमान की घटनाओं पर चिंता जताते हुए सरकारों से सामाजिक और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए सख्त कार्रवाई की मांग की।
यह रैली बीएसपी के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि पार्टी 2012 के बाद से लगातार कमजोर हुई है और 2022 के विधानसभा चुनाव में केवल एक सीट पर सिमट गई थी। मायावती इस अवसर का उपयोग अपनी पार्टी को फिर से मजबूत करने और 2027 के चुनाव में वापसी करने की रणनीति को मजबूत करने के लिए करेंगी।