नोएडा, (नोएडा खबर डॉट कॉम)
नोएडा पुलिस ने खोए हुए मोबाइल फोन्स को ट्रैक करने की अपनी लगातार चल रही मुहिम के तहत गुरुवार को 101 खोए फोन उनके असली मालिकों को सौंप दिए। यह कार्रवाई सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) पोर्टल और ईमेल आईडी के जरिए IMEI नंबर्स की ट्रैकिंग पर आधारित है।
इस मौके पर डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पहल की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया पिछले कई सालों से चल रही है और आगे भी जारी रहेगी।
डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने ट्रैकिंग का पूरा राज खोला
प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने कहा, “खोए मोबाइल फोन उनके ईमेल आईडी और CEIR पोर्टल के माध्यम से लगातार ट्रैक किए जाते हैं। हम उन फोन की तलाश करते हैं जो कुछ समय पहले खोए थे। IMEI नंबर्स चलाने के बाद, हम उन नंबर्स की पहचान करते हैं जहां ये फोन वर्तमान में सक्रिय हैं। यह प्रक्रिया पिछले कुछ वर्षों से चल रही है। हम खोए फोन्स के IMEI नंबर्स को ट्रैक करते हैं और उनको पहचानते हैं जो वर्तमान में उपयोग में हैं। इस मिशन के तहत, ये फोन उनके मूल मालिकों को लौटाए जाते हैं। आज, यहां 101 मोबाइल फोन उनके असली मालिकों को सौंपे जा रहे हैं। भविष्य में, जब भी सक्रिय खोए फोन्स के बारे में डेटा उपलब्ध होगा, हम उन्हें उनके मूल मालिकों को लौटाते रहेंगे। हमारी पूरी टीम को 25,000 PANGI पहल के तहत सार्वजनिक रूप से सूचित किया गया है।”
डीसीपी अवस्थी ने आगे बताया कि यह पहल ऑटो-रिक्शा और बसों में खोए फोन्स पर विशेष फोकस करती है। CEIR पोर्टल, जो दूरसंचार विभाग द्वारा संचालित है, IMEI ट्रैकिंग और सर्विलांस के जरिए अपराधियों को चकमा देने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर CEIR के जरिए 50 लाख से ज्यादा मोबाइल फोन्स की डिटेल्स रजिस्टर की गई हैं, जो मोबाइल चोरी और फ्रॉड को रोकने में अहम भूमिका निभा रही है।
CEIR पोर्टल की भूमिका:
खोए फोन कैसे लौटते हैं मालिकों के पास
CEIR (सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर) एक केंद्रीकृत सिस्टम है जो मोबाइल डिवाइसेज के IMEI नंबर्स को ट्रैक करता है। अगर कोई फोन खो जाता है या चोरी हो जाता है, तो मालिक FIR दर्ज कराकर CEIR पोर्टल पर ब्लॉक रिक्वेस्ट कर सकता है। पुलिस IMEI नंबर्स को स्कैन करके फोन की लोकेशन ढूंढती है। एक बार फोन सक्रिय हो जाए, तो नेटवर्क ऑपरेटर्स के जरिए उसे ब्लैकलिस्ट किया जाता है, जिससे चोर उसे इस्तेमाल नहीं कर पाते। नोएडा पुलिस की यह मुहिम 25,000 PANGI इनिशिएटिव का हिस्सा है, जो खोए सामान को लौटाने पर जोर देती है।
भविष्य की योजना: और ज्यादा फोन लौटाने का वादा
डीसीपी अवस्थी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया रुकने वाली नहीं है। जब भी नई डेटा उपलब्ध होगी, तो खोए फोन्स को ट्रैक करके मालिकों तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि अगर उनका फोन खो जाए, तो तुरंत FIR दर्ज कराएं और CEIR पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करें। यह पहल नोएडा में मोबाइल चोरी की घटनाओं को कम करने में मददगार साबित हो रही है।