देश की राजधानी दिल्ली में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती का दौर जारी है। नोएडा के प्रमुख समाजसेवी और डॉक्टर रंजन तोमर द्वारा दाखिल की गई आरटीआई से एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है, जो दर्शाती है कि दिल्ली सरकार की एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) ने पिछले तीन वर्षों में कुल 27 सरकारी कर्मचारियों को भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया है। यह आंकड़ा न केवल भ्रष्टाचार पर नियंत्रण की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है, बल्कि आम जनता के लिए पारदर्शिता का एक उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।
डॉ. रंजन तोमर, जो नोएडा में सामाजिक कार्यों के लिए जाने जाते हैं, ने दिल्ली सरकार की एंटी करप्शन ब्रांच में आरटीआई दाखिल की थी। इसमें उन्होंने दो प्रमुख सवाल पूछे थे। पहले सवाल में उन्होंने पिछले तीन वर्षों (2023 से 2025 तक) में भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तार सरकारी कर्मचारियों की संख्या के बारे में जानकारी मांगी थी।ACB द्वारा दिए गए जवाब के अनुसार:
2023: कुल 14 सरकारी कर्मचारी गिरफ्तार।
2024: 7 कर्मचारी गिरफ्तार।
2025 (अब तक): 6 कर्मचारी गिरफ्तार।
कुल मिलाकर, तीन वर्षों में 27 गिरफ्तारियां हुईं। डॉ. तोमर का कहना है कि ये आंकड़े भ्रष्टाचार पर पिछले दो वर्षों में कुछ कमी दर्शाते हैं, लेकिन अभी भी सरकार को और सख्त कदम उठाने की जरूरत है। “आरटीआई जैसे उपकरण आम नागरिकों को सशक्त बनाते हैं, और यह जानकारी दिल्ली में शासन की पारदर्शिता को मजबूत करने का एक कदम है,” उन्होंने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा।दूसरे सवाल में डॉ. तोमर ने पूछा था कि कोई भी आम आदमी विजिलेंस विभाग में किसी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ शिकायत कैसे दर्ज करा सकता है। ACB के जवाब में स्पष्ट किया गया कि शिकायतें ऑनलाइन पोर्टल www.vcims.delhi.gov.in के माध्यम से आसानी से दर्ज की जा सकती हैं। यह पोर्टल दिल्ली सरकार द्वारा विकसित किया गया है, जो शिकायतों को तेजी से प्रोसेस करने और कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए डिजाइन किया गया है।
डॉ. तोमर ने इस जानकारी को सार्वजनिक करते हुए अपील की है कि नागरिक भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएं। “भ्रष्टाचार न केवल अर्थव्यवस्था को कमजोर करता है, बल्कि आम जनता का विश्वास भी तोड़ता है। RTI का सही उपयोग ही इसका समाधान है,” उन्होंने जोर देकर कहा। नोएडा में रहने वाले डॉ. तोमर सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय रहते हैं और अक्सर RTI के जरिए सरकारी विभागों की जवाबदेही सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं।दिल्ली सरकार के एंटी करप्शन ब्रांच ने हाल के वर्षों में कई बड़े मामलों में कार्रवाई की है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि गिरफ्तारियों की संख्या में कमी का मतलब भ्रष्टाचार में कमी नहीं, बल्कि बेहतर निगरानी और रोकथाम हो सकती है।
ACB के अधिकारियों ने भी पोर्टल के माध्यम से शिकायतों को प्रोत्साहित किया है, ताकि भ्रष्टाचार की जड़ें कमजोर हो सकें।यह RTI दिल्ली में शासन की पारदर्शिता को मजबूत करने का एक और उदाहरण है। यदि आप भी किसी भ्रष्टाचार की शिकायत करना चाहते हैं, तो तुरंत पोर्टल पर जाएं। डॉ. तोमर की इस पहल की सराहना हो रही है, और उम्मीद है कि इससे और अधिक जागरूकता फैलेगी।