नोएडा: 25 अक्टूबर से शुरू होगा चार दिवसीय छठ महापर्व, 28 को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ होगा समापन

नोएडा, (नोएडा खबर डॉट कॉम)

अखिल भारत हिन्दू महासभा और अखिल भारतीय प्रवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मुन्ना कुमार शर्मा ने बताया कि आगामी 25 अक्टूबर से चार दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत होगी। यह पर्व कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को नहाय-खाय के साथ शुरू होकर 28 अक्टूबर को कार्तिक शुक्ल सप्तमी को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ समाप्त होगा। नोएडा में दर्जन भर स्थानों पर नोएडा प्राधिकरण घाट तैयार करा रही है।

25 अक्टूबर को नहाय-खाय के दिन छठव्रती और श्रद्धालु सुबह अपने घरों और आसपास की सफाई करेंगे। स्नान के बाद छठव्रती चावल, चना दाल और लौकी की सब्जी का प्रसाद तैयार करेंगे। पूजा के बाद वे प्रसाद ग्रहण करेंगे और इसे परिवार, पड़ोसियों के बीच बांटेंगे। इस दिन से छठव्रती पूरी तरह शुद्ध और स्वच्छ होकर सूर्योपासना के लिए समर्पित हो जाएंगे, और उनका व्रत शुरू होगा।

26 अक्टूबर को खरना के दिन छठव्रती सुबह उठकर घर और आसपास की सफाई करेंगे। स्नान के बाद वे मिट्टी के बर्तनों में रोटी, दाल, चावल, पिट्ठा और शक्कर की खीर जैसे प्रसाद तैयार करेंगे। शाम को एकांत में छठी माता और भगवान सूर्य की पूजा की जाएगी। पूजा में मिट्टी की चुकड़ी, ढकना, पान, कपूर, सिंदूर, लौंग, इलायची आदि रखकर दीपक जलाया जाएगा। पूजा के बाद छठव्रती प्रसाद ग्रहण करेंगे और इसे परिवार, पड़ोसियों व मित्रों में बांटेंगे।

इसी के साथ 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होगा, जिसमें छठव्रती बिना पानी और भोजन के रहेंगे।27 अक्टूबर को छठव्रती गेहूं के आटे, घी और शक्कर से ठेकुआ और चावल, घी, शक्कर से लड्डू बनाएंगे। बांस के सूप, डाला और दौरा में सेब, केला, नारंगी, अमरूद, ईख, सिंघाड़ा, मूली, सुथनी, सकरकंद, नारियल, सांचा, बद्धी, सिंदूर, कपूर, अगरबत्ती आदि प्रसाद रखे जाएंगे। सूर्यास्त से पहले छठव्रती और उनके परिवारजन प्रसाद लेकर छठ घाटों पर पहुंचेंगे। नदी, तालाब या कृत्रिम तालाबों में सूर्यास्त से पहले भगवान सूर्य को जल द्वारा अर्घ्य अर्पित किया जाएगा। इस दौरान कई छठ घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे, जिनमें छठ माता के गीत और लोकगीत गाए जाएंगे।

28 अक्टूबर को सुबह सूर्योदय से पहले छठव्रती प्रसाद से भरे सूप, डाला और दौरा लेकर छठ घाट पहुंचेंगे। सूर्योदय के समय उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाएगा। श्रद्धालु गाय के दूध से सूर्य को अर्घ्य देंगे। इसके बाद छठव्रती सूर्यपिंड के पास बैठकर छठी माता और भगवान सूर्य की पूजा करेंगे। पूजा के बाद पारण होगा, जिसमें छठव्रती प्रसाद ग्रहण करेंगे और इसे परिवार, पड़ोसियों व श्रद्धालुओं में बांटेंगे। इसके साथ ही छठ महापर्व का समापन होगा।
डॉ. मुन्ना कुमार शर्मा ने कहा कि छठ पूजा से व्रतियों और उनके परिवार की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और कष्ट दूर होते हैं। यह पर्व बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, नेपाल, मॉरीशस, फिजी, सूरीनाम, वेस्टइंडीज, ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया सहित देश-विदेश में धूमधाम से मनाया जाता है। दिल्ली-एनसीआर के शहरों जैसे नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में लाखों श्रद्धालु इस लोकपर्व को उत्साहपूर्वक मनाते हैं। यह सूर्योपासना और भक्ति का महान पर्व है।

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