विनोद शर्मा
नोएडा (नोएडा खबर डॉट कॉम)
पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जो कभी दिल्ली-एनसीआर की भीड़भाड़ और ट्रैफिक जाम के लिए जाना जाता था, अब तेजी से बदल रहा है। वर्ष 2026 तक कई मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पूरा होने से यहां की कनेक्टिविटी और पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। जब 2027 में यूपी में चुनावी माहौल बनेगा तब तक
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) का उद्घाटन, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का पूरा होना, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की बेहतर पहुंच, गंगा एक्सप्रेसवे का शुरू होना और दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) जैसी परियोजनाएं मिलकर पश्चिमी यूपी को एक हाई-स्पीड ट्रांसपोर्ट हब बना देंगी। ये बदलाव न सिर्फ यात्रा को आसान बनाएंगे, बल्कि लोगों की जिंदगी में समय की बचत, आर्थिक अवसर और सुविधा का नया अहसास लाएंगे।
1. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर): हवाई यात्रा का नया द्वार जेवर में बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट
2025 के अंत तक ऑपरेशनल हो जाएगा। फेज-1 में यह 12 मिलियन पैसेंजर्स को हैंडल करेगा, जो बाद में 70 मिलियन तक बढ़ेगा। एयरपोर्ट से यमुना एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और जेवर-फरीदाबाद लिंक के जरिए सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी। पब्लिक ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी: UPSRTC और हरियाणा रोडवेज की डायरेक्ट बसें, आने वाले समय में पॉड टैक्सी और RRTS/मेट्रो लिंक।
प्रभाव: मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद के लोगों को दिल्ली एयरपोर्ट जाने की बजाय जेवर से उड़ान भरना आसान हो जाएगा। यात्रा का समय आधा हो जाएगा, जिससे व्यापार, टूरिज्म और रोजगार बढ़ेगा। एक आम आदमी अब परिवार के साथ आसानी से हवाई यात्रा कर सकेगा।
2. दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे: पहाड़ों तक की दूरी घटेगी
यह 210 किमी लंबा एक्सप्रेसवे 2026 की शुरुआत तक पूरी तरह ऑपरेशनल हो जाएगा। दिल्ली से देहरादून की दूरी 250 किमी से घटकर 210 किमी हो जाएगी और समय 6 घंटे से सिर्फ 2.5 घंटे। रूट: अक्षरधाम (दिल्ली) से बागपत, शामली, सहारनपुर होते हुए देहरादून।
विशेषता: राजाजी नेशनल पार्क पर वाइल्डलाइफ कॉरिडोर, रेनवाटर हार्वेस्टिंग।
प्रभाव: पश्चिमी यूपी के बागपत, शामली, मेरठ जैसे इलाकों से देहरादून, हरिद्वार आसान पहुंच। टूरिज्म बढ़ेगा, माल ढुलाई तेज होगी और लोगों को वीकेंड ट्रिप का नया विकल्प मिलेगा। ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी।
3. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे: फरीदाबाद, बल्लभगढ़, सोहना से सीधी पहुंच
DND से कलिंदी कुंज, फरीदाबाद, बल्लभगढ़, सोहना होते हुए मुंबई एक्सप्रेसवे तक का रूट 2026 तक पूरी तरह सुगम हो जाएगा। DND-फरीदाबाद-सोहना सेक्शन के ज्यादातर हिस्से ऑपरेशनल हैं, बाकी जल्द पूरा होगा।
लंबाई: कुल 1350 किमी, दिल्ली से मुंबई तक 12 घंटे में।
प्रभाव: पश्चिमी यूपी और हरियाणा बॉर्डर के लोग मुंबई, गुजरात, राजस्थान तक तेज पहुंच पाएंगे। बसें और प्राइवेट व्हीकल्स से लंबी दूरी की यात्रा आसान। व्यापारियों को माल भेजने में समय और लागत बचेगी।
4. गंगा एक्सप्रेसवे: मेरठ से प्रयागराज तक हाई-स्पीड लिंक
594 किमी लंबा गंगा एक्सप्रेसवे 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत तक शुरू हो जाएगा। मेरठ से प्रयागराज की दूरी 10-12 घंटे से घटकर 6-8 घंटे हो जाएगी।
रूट: मेरठ से हापुड़, बुलंदशहर, शाहजहांपुर, हरदोई होते हुए प्रयागराज।
विशेषता: IAF के लिए 3.5 किमी एमरजेंसी एयरस्ट्रिप।
प्रभाव: पश्चिमी यूपी से पूर्वांचल तक सीधी कनेक्टिविटी। कुंभ मेले जैसे आयोजनों में लाखों लोग आसानी से पहुंच सकेंगे। इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर बनेगा, रोजगार बढ़ेगा।
अन्य महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी: दिल्ली-मेरठ RRTSदिल्ली-मेरठ RRTS (नमो भारत) 2025 के मध्य तक पूरी तरह ऑपरेशनल हो जाएगा। 82 किमी में 160 किमी/घंटा स्पीड से दिल्ली से मेरठ सिर्फ 1 घंटे में। पहले से 55 किमी चल रहा है।प्रभाव: रोजाना लाखों कम्यूटर्स को फायदा, ट्रैफिक कम, प्रदूषण घटेगा।
लोगों की जिंदगी में बदलाव का अहसासये प्रोजेक्ट्स सिर्फ सड़कें या एयरपोर्ट नहीं, बल्कि जीवनशैली बदलने वाले हैं। समय की बचत: घंटों का जाम अब मिनटों में कवर होगा। एक मेरठ निवासी दिल्ली या देहरादून सुबह जाकर शाम को लौट सकेगा।
आर्थिक अवसर: नए इंडस्ट्रीज, जॉब्स, टूरिज्म से आय बढ़ेगी। छोटे शहरों के लोग बड़े शहरों से जुड़ेंगे।
सुविधा और सुरक्षा: मॉडर्न बसें, रैपिड रेल, एक्सप्रेसवे से यात्रा सुरक्षित और आरामदायक।
पर्यावरण: वाइल्डलाइफ कॉरिडोर, ग्रीनफील्ड डिजाइन से प्रदूषण कम।
2026 में पश्चिमी यूपी की तस्वीर वाकई बदल जाएगी – एक ऐसा क्षेत्र जहां दूरी कोई मायने नहीं रखेगी, और हर व्यक्ति को तेज, सस्ती और आरामदायक पब्लिक ट्रांसपोर्ट का अहसास होगा। ये बदलाव उत्तर प्रदेश को भारत के विकास का इंजन बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
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