 
  जेवर, (नोएडा खबर डॉट कॉम)
जेवर, (नोएडा खबर डॉट कॉम)उत्तर प्रदेश के हृदय स्थल जेवर में आज एक ऐसा इतिहास रचा गया, जो न केवल राज्य के विकास की नई दिशा को चिह्नित करता है, बल्कि हर उस सपने को प्रेरित करता है जो लगन और सामूहिक इच्छाशक्ति से साकार होता है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर एयरपोर्ट) के रनवे पर पहली कैलिब्रेशन फ्लाइट की सफल लैंडिंग ने साबित कर दिया कि असंभव कुछ भी नहीं। यह उड़ान एयरपोर्ट के नेविगेशन और संचार उपकरणों की सटीकता को परखने वाली थी – एक ऐसा कदम जो वाणिज्यिक उड़ानों की दहलीज पर खड़ा है। जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने, और उनकी उपस्थिति ने इस उपलब्धि को और भी खास बना दिया।कल्पना कीजिए: सालों पहले एक छोटा-सा गांव, जहां खेतों की हरियाली ही जीवन का आधार थी। लेकिन आज, वही जेवर एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनने की कगार पर है। यह कहानी सिर्फ कंक्रीट और स्टील की नहीं, बल्कि उन किसानों की है जिन्होंने अपनी जमीनें देकर एक बड़ा सपना बुना। जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने इस मौके पर कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत औद्योगिक और अवसंरचनात्मक विकास के नए युग में प्रवेश कर रहा है, और जेवर एयरपोर्ट इसकी प्रतीक परियोजना है।” उनके शब्दों में वह गर्व झलक रहा था, जो वर्षों की मेहनत का फल है। उन्होंने बताया, “वर्षों की मेहनत, किसानों के सहयोग और प्रशासनिक दृढ़ता के कारण यह सपना साकार हो रहा है।” यह फ्लाइट की सफल लैंडिंग से सिद्ध होता है कि एयरपोर्ट निर्माण अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है, और जल्द ही आसमान में वाणिज्यिक उड़ानें गूंजेंगी।यह उपलब्धि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन की देन है। उनके हालिया निरीक्षण के दौरान कही गई बातें आज हकीकत बन रही हैं: “नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश की ताकत और आकांक्षाओं का प्रतीक है। इसकी गुणवत्ता, समयबद्धता और समन्वय देशभर में उदाहरण बनेंगे। परियोजना की हर गतिविधि में उच्च मानक सुनिश्चित करना सभी के लिए प्राथमिकता है।” योगी जी का यह दृढ़ संकल्प ही है जो जेवर को NCR का दूसरा प्रमुख एयरपोर्ट बना रहा है, जो अप्रैल 2025 तक चालू हो जाएगा।इस प्रेरणादायक यात्रा में एयरपोर्ट प्रबंधन, परियोजना अभियंता दल और यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों की भूमिका सराहनीय रही। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) की मुख्य परिचालन अधिकारी (COO) किरण जैन और यमुना प्राधिकरण के ओएसडी एवं NIA के नोडल अधिकारी शैलेंद्र भाटिया जैसे समर्पित लोग इस सफलता के पीछे की ताकत हैं। कैलिब्रेशन प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) की टीम अंतिम निरीक्षण करेगी, जो इस सपने को हकीकत का रूप देगी।जेवर एयरपोर्ट सिर्फ एक हवाई अड्डा नहीं, बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उद्योग, पर्यटन, शिक्षा और रोजगार के लिए नई ऊर्जा का स्रोत बनेगा। यह उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है जो सोचते हैं कि बड़े बदलाव सिर्फ बड़े शहरों में ही होते हैं। धीरेंद्र सिंह जी की तरह, जो स्थानीय स्तर पर विकास की मशाल थामे हैं, हर व्यक्ति यह सीख सकता है कि दृढ़ इच्छा और टीमवर्क से कोई भी मंजिल दूर नहीं। यह कहानी बताती है – सपने देखो, मेहनत करो, और देखो कैसे आसमान तुम्हारा हो जाता है!जेवर ने इतिहास रचा है, और यह सिर्फ शुरुआत है।
 

 
									 
			 
			 
			