जेवर, (नोएडा खबर डॉट कॉम)
23 नवंबर 2025 की सुबह का धुंध भरा कोहरा अभी छंटा भी नहीं था कि ग्राम गोपालगढ़ की मिट्टी वैदिक मंत्रों से गूंज उठी। अलीगढ़ और हरियाणा की सीमा पर बसा यह छोटा-सा गांव आज इतिहास रच रहा था – “खेलो युवा स्पोर्ट्स पार्क” का भूमि पूजन हो रहा था।सामने मंच पर जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह खड़े थे, लेकिन असली हीरो तो वो सैकड़ों युवा और महिलाएं थीं जो हाथों में फावड़े लिए, आंखों में चमक लिए खड़ी थीं। जब महिलाओं ने सबसे आगे बढ़कर पूजन की थाली सजाई और मंत्रोच्चार के बीच मिट्टी का पहला फावड़ा खुद उठाया, तो पूरे मैदान में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। यह सिर्फ एक भूमि पूजन नहीं था – यह था एक संकल्प का जन्म।
लंबे समय से गांव के बच्चे और नौजवान एक स्टेडियम की आस लिए बैठे थे। धूप में पसीना बहाते, खेतों के किनारे बने मैदान में गेंद खेलते-खेलते वो सोचते थे – “काश हमारे गांव में भी ऐसा मैदान होता जहां सपने दौड़ सकें।”आज वही सपना सच होता दिख रहा है।जिला खनिज निधि के सौजन्य से 2 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह स्पोर्ट्स पार्क लोक निर्माण विभाग तैयार करेगा। यहां क्रिकेट, फुटबॉल, बैडमिंटन, वॉलीबॉल से लेकर एथलेटिक्स ट्रैक तक – हर खेल के लिए जगह होगी। लेकिन सबसे खास बात यह कि यह पार्क सिर्फ शहरों के बच्चों के लिए नहीं, बल्कि गांव के उन बच्चों के लिए बन रहा है जो आज तक जूते तक नहीं खरीद पाते थे।
विधायक धीरेंद्र सिंह ने माइक थामा और जो कहा, वो सीधे दिल में उतर गया:“मैं चाहता हूं कि हमारे गांव का बच्चा भी ओलंपिक में तिरंगा लहराए। खेल सिर्फ खेल नहीं है – यह अनुशासन है, आत्मविश्वास है, सपनों को पंख देने का जरिया है। गोपालगढ़ का यह पार्क हमारी आने वाली पीढ़ी को नई दिशा देगा।”उनकी आंखों में चमक थी, आवाज में दृढ़ता। उन्होंने कहा, “लोग कहते हैं कि गांव में विकास नहीं होता। आज मैं उन्हें जवाब दे रहा हूं – देखिए, जेवर विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। गांव-गांव में स्कूल, अस्पताल, खेल मैदान – यह हमारा संकल्प है।”
भीड़ में खड़ी एक मां ने अपनी बेटी का हाथ पकड़कर कहा, “अब मेरी बेटी भी यहां दौड़ेगी, कूदेगी, जीतेगी। आज तक लड़कियों के लिए खेलना मुश्किल था। आज पहली बार लगा कि सपने सच में सच हो सकते हैं।”एक नौजवान ने चिल्लाकर कहा, “सर, हम वादा करते हैं – इस मैदान से निकले हर बच्चे का नाम देश रोशन करेगा!”और तालियां फिर गूंजीं।जिला खनिज अधिकारी उत्कर्ष त्रिपाठी, लोक निर्माण विभाग के अधिकारी, कोतवाली प्रभारी संजय सिंह और दर्जनों ग्राम प्रधान – सब वहां थे। लेकिन आज मंच से ज्यादा बड़ा मैदान था, जहां सपने खड़े हो रहे थे।आज गोपालगढ़ की मिट्टी ने गवाही दी –
जब इरादे बुलंद हों, तो सीमाएं सिर्फ नक्शे में रह जाती हैं।
जब महिलाएं आगे बढ़ें, तो समाज आगे बढ़ता है।
और जब युवाओं को मौका मिले, तो वो इतिहास लिख देते हैं।यह सिर्फ एक स्पोर्ट्स पार्क का भूमि पूजन नहीं था।
यह था एक नए भारत का, एक नए गांव का, एक नए सपने का – पहला कदम।
जब इरादे बुलंद हों, तो सीमाएं सिर्फ नक्शे में रह जाती हैं।
जब महिलाएं आगे बढ़ें, तो समाज आगे बढ़ता है।
और जब युवाओं को मौका मिले, तो वो इतिहास लिख देते हैं।यह सिर्फ एक स्पोर्ट्स पार्क का भूमि पूजन नहीं था।
यह था एक नए भारत का, एक नए गांव का, एक नए सपने का – पहला कदम।
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