नोएडा/गाजियाबाद, 27 मार्च।
उत्तर प्रदेश जल निगम और पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के अफसरों में आपसी समन्वय न होने के कारण नोएडा और ट्रांस हिंडन को पानी देने वाले प्लांट का बिजली का कनेक्शन काट दिया गया। बिजली विभाग का कहना है कि प्लांट पर 4 करोड़ रुपया बकाया है और जब तक बकाए का भुगतान नहीं होगा पानी की सप्लाई नहीं हो पाएगी। यही नहीं उत्तर प्रदेश जल निगम के पास डीजल का जनरेटर चलाने के लिए भी पैसे नहीं है। इस कारण से नोएडा और ट्रांस हिंडन के लगभग 10 लाख लोगों को गंगाजल नहीं मिल पा रहा है।
उल्लेखनीय है कि नोएडा और ट्रांस हिंडन को सिद्धार्थ विहार प्लांट से 100 प्रोजेक्ट और प्रताप विहार प्लाट से 80 प्रोजेक्ट गंगाजल की आपूर्ति हो रही है इनमें इंदिरापुरम सिद्धार्थ विहार नोएडा वसुंधरा, कौशाम्बी व वैशाली आदि इलाकों में गंगाजल की सप्लाई की जाती है। बिजली विभाग के चार करोड रुपए का भुगतान काफी लंबे समय से नहीं हुआ है। डीजल खरीदने के लिए भी जल निगम के पास पैसे नहीं है। इस व्यवस्था से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तर प्रदेश जल निगम के अधिकारी और पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के अधिकारी अपने कार्य के प्रति कितने संवेदनहीन है। इसी की वजह से लगभग 10 लाख लोगों के सामने गंगाजल सप्लाई का संकट सामने खड़ा हो गया है। जल निगम के अधिशासी अभियंता का कहना है कि गाजियाबाद नगर निगम और नोएडा प्राधिकरण पर गंगाजल का बकाया है नोटिस जारी करने पर भी किसी ने बकाया जमा नहीं कराया है। इस वजह से बिजली का बिल जमा नहीं हो सका है अगर गंगाजल का बकाया मिल जाए तो बिजली का बिल जमा कराया जा सकता है यह जानकारी अधिशासी अभियंता जल निगम ब्रह्मानंद ने दी है। उधर पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के अधिशासी अभियंता एके सिंह का कहना है कि जल निगम पर बिजली बिल के चार करोड़ पर बकाया है या बड़ी धनराशि से जमा करने के लिए कई बार कहा जा चुका है अब दो ही सूरत से कनेक्शन जोड़ा जा सकता है बकाया भुगतान किया जाए दूसरी बिजली बिल जमा करने के अवसर लिखित में दें कि भुगतान कब तक कर देंगे। तभी स्थिति सामान्य होगी।