लखनऊ/नोएडा (नोएडा खबर डॉट कॉम)
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ ने ऊर्जा प्रबंधन द्वारा अभियंताओं पर की जा रही उत्पीड़नात्मक कार्रवाइयों के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की है।
संघ के महासचिव इंजीनियर जितेंद्र सिंह गुर्जर ने बताया कि यदि मार्च 2023 की हड़ताल और वर्तमान आंदोलन के दौरान की गई सभी दमनात्मक कार्रवाइयां तत्काल वापस नहीं ली गईं, तो 20 नवंबर से प्रदेशभर के विद्युत अभियंता लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन शुरू करने को बाध्य होंगे।
संघ की 2 नवंबर 2025 को लखनऊ में हुई केंद्रीय कार्यकारिणी बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया। गुर्जर ने आरोप लगाया कि ऊर्जा प्रबंधन लोकतांत्रिक आंदोलन को दबाने और बिजली निजीकरण में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज को कुचलने का प्रयास कर रहा है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत है।
मुख्य मांगें:
मार्च 2023 आंदोलन के दौरान की गई अनुशासनात्मक कार्रवाइयां, स्टेट विजिलेंस जांच, एस्मा में दर्ज एफआईआर आदि तत्काल वापस लें।
वर्तमान आंदोलन के कारण रोकी गई प्रमोशन, स्थायीकरण आदेश जारी करें।
उत्पीड़न के नाम पर किए गए ट्रांसफर निरस्त करें।
आंदोलन का चरणबद्ध कार्यक्रम:
20 से 28 नवंबर 2025: सभी अभियंता ड्यूटी के दौरान काली पट्टी बांधेंगे और कार्यालय समय के बाद/भोजनावकाश में विरोध प्रदर्शन करेंगे।
24 नवंबर: पश्चिमांचल वितरण निगम मुख्यालय, मेरठ में पश्चिमांचल क्षेत्र के अभियंताओं का प्रदर्शन।
25 नवंबर: दक्षिणांचल वितरण निगम मुख्यालय, आगरा में दक्षिणांचल क्षेत्र के अभियंताओं का प्रदर्शन।
26 नवंबर: पूर्वांचल वितरण निगम मुख्यालय, वाराणसी में पूर्वांचल क्षेत्र के अभियंताओं का प्रदर्शन।
27 नवंबर: केस्को मुख्यालय, कानपुर में केस्को क्षेत्र के अभियंताओं का प्रदर्शन।
28 नवंबर: मध्यांचल वितरण निगम मुख्यालय, लखनऊ में मध्यांचल क्षेत्र के अभियंताओं का प्रदर्शन।
29 नवंबर: ‘अभियंता संकल्प दिवस’ पर केंद्रीय कार्यकारिणी बैठक में अगले चरण के कार्यक्रम घोषित होंगे।
महासचिव गुर्जर ने चेतावनी दी कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। संघ ने इसे अभियंताओं की एकजुटता और न्याय की लड़ाई बताया।
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