नोएडा: आवारा कुत्तों पर यूपी सरकार का सर्कुलर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन: विजय गोयल, पूर्व केंद्रीय मंत्री
नोएडा: सोरखा गांव में किसानों के घर तोड़े जाने पर विवाद,भारतीय किसान परिषद की प्राधिकरण के खिलाफ प्रदर्शन की चेतावनी
नोएडा पंजाबी समाज ने गौतमबुद्धनगर जिले की राजनीति में मांगी भागीदारी, 2027 विधानसभा चुनाव पर नजर: विपिन मल्हन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही दिल की बात
मायावती का पैतृक गांव बादलपुर: गौतम बुद्ध नगर में तीनो विधानसभा में बसपा की बैठकें, बहुजन समाज को जोड़ने का मौका
नोएडा: प्राधिकरण की वादाखिलाफी के खिलाफ किसानों ने डीसीपी को सौंपा ज्ञापन, मुख्यमंत्री से मुलाकात की मांग

नोएडा : भारतीय किसान यूनियन मंच ने लुहारली टोल पर दिया धरना

ग्रेटर नोएडा, 24 अप्रैल।

भारतीय किसान यूनियन मंच के तत्वाधान में लुहारली टोल प्लाजा पर शुरू हुआ। धरने की अध्यक्षता श्री हरबीर प्रधान सैतली व संचालन मास्टर मनमिंदर भाटी प्रदेश अध्यक्ष ने किया ।

भारतीय किसान यूनियन मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेंद्र चौहान ने कहा कि हम कोई नई व्यवस्था को जन्म नहीं दे रहे हम टोल पर केवल उस व्यवस्था को पुन: स्थापित करना चाहते हैं जो टोल शुरू होने पर सन 2015 से 2024 तक चली। वर्तमान में टोल का संचालन कर रही कंपनी किसानों के साथ बर्बरता कर रही है और लगातार किसानों का शोषण कर रही है। दोपहर में एसडीएम दादरी श्रीमती अनुज नेहरा टोल प्रशासन में पुलिस की मौजूदगी में एक वार्ता हुई जिसमें कहा गया की 26 तारीख तक ग्रामीण क्षेत्र में सभी कमर्शियल वाहनों की लिस्ट बना कर दी जाए जिसको एसडीएम ऑफिस से 3 दिन के अंदर वेरीफाई किया जाएगा और इससे पता चलेगा कि वास्तव में परेशानी कितनी है और किस तरह से इसका समाधान किया जा सकता है।

टोल मैनेजर अनिरुद्ध को चेतावनी दी गई की अगली मीटिंग में वह अपने उच्च अधिकारियों को लेकर आए और समाधान के साथ किसानों व प्रशासन के बीच बैठे। 1 मई को कौन है पुनः टोल प्रशासन व एसडीम और भारतीय किसान यूनियन मंच के तत्वाधान में टोल कमेटी की मीटिंग होगी उसमें समाधान दिया जाएगा।
पंचायत में सभी बात करने के पश्चात यह निर्णय लिया गया की अब केवल एक गांव से पांच लोग वह टोल कमेटी यहां पर बैठेगी और गाड़ियों की लिस्टिंग करके शासन को देगी और जब तक समाधान नहीं हो जाता एक सांकेतिक धरना प्रदर्शन लुहारली टोल प्लाजा पर जारी रहेगा। किसानों के बीच विश्वास इतना ज्यादा है कि वह अब टोल प्रशासन की किसी भी बात को मानने के लिए तैयार नहीं है और समाधान के साथ ही घर वापस जाना चाहते हैं क्योंकि यह उनकी रोजी-रोटी और उनके परिवार के भरण पोषण का प्रश्न बन गया है।
शासन प्रशासन यह भी खोजने की कोशिश करेगा कि आखिर पहले जो व्यवस्था थी उसको क्यों खत्म किया गया और वर्तमान में उसे व्यवस्था को पुनः कैसे लागू किया जा सकता है।

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *