नोएडा में जर्जर फ्लैट की छत गिरी, बाल-बाल बचे लोग, हजारों फ्लैट्स ऐसे ही हालात में है, कभी भी हो हो सकते है हादसे

नोएडा। (नोएडा खबर डॉट कॉम)
नोएडा के सेक्टर-31 में 1980 के दशक में आवंटित जनता फ्लैट/ईडब्ल्यूएस फ्लैट में अनुरक्षण के अभाव के कारण एक कमरे की छत गिरने की घटना रविवार को सामने आई है। सौभाग्यवश, इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई। ऐसे हजारों फ्लैट नोएडा के विभिन्न सेक्टरों में हैं। उनमें हादसे की आशंका लोग जता चुके हैं। अभी तक प्राधिकरण के अफसरों ने कोई कदम नही उठाया है।

इस घटना की जानकारी मिलते ही नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों, जिसमें एस.पी. सिंह, महाप्रबंधक (सिविल), श्रीमती मीना भार्गव, महाप्रबंधक (नियोजन), उप महाप्रबंधक (सिविल), और वरिष्ठ प्रबंधक (वर्क सर्किल-2) ने घटनास्थल का निरीक्षण किया।

निरीक्षण में पाया गया कि छत पर तीन वाटर टैंक रखे गए थे, और वर्षों से रखरखाव न होने के कारण छत पर जमा पानी से रिइंफोर्समेंट कमजोर हो गया था। इस वजह से वाटर टैंक के दबाव में छत ढह गई।

प्राधिकरण अफसरों ने बताया कि सेक्टर-31 में कुल 128 जनता फ्लैट/ईडब्ल्यूएस फ्लैट निर्मित हैं, जिनमें से कई अन्य फ्लैट्स भी जर्जर स्थिति में हैं। इसका प्रमुख कारण आवंटियों द्वारा समुचित अनुरक्षण न करना और स्वीकृत नक्शे से हटकर अतिरिक्त निर्माण कर मूल संरचना में परिवर्तन करना है।

प्राधिकरण की सलाह: तत्काल शिफ्ट करें
नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर-31 के एलआईजी भवनों के आवंटियों से अपील की है कि वे जर्जर इमारतों को तत्काल खाली कर सुरक्षित भवनों में शिफ्ट हो जाएं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। प्राधिकरण ने आवंटियों से अनुरक्षण और स्वीकृत नक्शे के अनुसार निर्माण की अनुपालना सुनिश्चित करने का भी अनुरोध किया है।

इस तरह फ्लैट्स के जर्जर होने की शिकायतें विभिन्न सेक्टरों में प्राधिकरण द्वारा बनाये गए फ्लैट्स के बारे में आ रही हैं। इनमे सेक्टर 82 में एलआईजी, सेक्टर 66 व 110 के श्रमिक कुंज की और नोएडा के सेक्टर 12, 22, 26, 27, 31 आदि में फ्लैट्स बने हुए 40 वर्ष से अधिक हो चुके हैं। इन्हें लेकर प्राधिकरण के अधिकारी कोई फैसला नही ले पा रहे हैं। इनके बारे में सेक्टर 71 से बृजेश गुर्जर, सेक्टर 82 से राघवेंद्र दुबे पत्र लिख चुके हैं।

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