गौतम बुद्ध नगर, (नोएडा खबर डॉट कॉम)
यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। जिलाधिकारी मेधा रूपम के नेतृत्व में राजस्व, सिंचाई, स्वास्थ्य, पूर्ति विभाग, रेस्क्यू टीमें और अन्य संबंधित विभाग प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने, खान-पान, चिकित्सा और मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करने में जुटे हैं।
जिलाधिकारी के अनुसार, जनपद में अब तक तहसील सदर के 12, दादरी के 6 और जेवर के 25 गाँव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जिनमें लगभग 3800 लोग प्रभावित हैं। इनमें से 2637 लोगों को विभिन्न बाढ़ शरणालयों में स्थानांतरित किया गया है, जहाँ सामुदायिक रसोई के माध्यम से तीनों समय भोजन की व्यवस्था की गई है। जनसुविधा के लिए 24×7 बाढ़ कंट्रोल रूम (दूरभाष: 0120-2978231, 2978232, 2978233) सक्रिय है। अब तक दादरी में 160 और सदर में 260 राहत किट वितरित की जा चुकी हैं। माननीय जनप्रतिनिधियों ने भी प्रभावित लोगों को राहत सामग्री वितरित की।
राहत और बचाव कार्यों के लिए तहसील सदर में 6, दादरी में 8 और जेवर में 5 बाढ़ चौकियाँ स्थापित की गई हैं। जनपद में 15 शरणालय संचालित हैं, जहाँ पेयजल, स्वच्छता, भोजन और पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की गई है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी और अग्निशमन विभाग की टीमें रेस्क्यू कार्य में मुस्तैद हैं। एनडीआरएफ ने तहसील सदर के सेक्टर 151 और जेवर के ग्राम झुप्पा से 44 लोगों को, जबकि एसडीआरएफ ने 40 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। पीएसी और अग्निशमन विभाग की टीमें सेक्टर 135 और दनकौर में तैनात हैं।स्वास्थ्य विभाग ने छह मेडिकल रेस्पॉन्स टीमें शरणालयों में तैनात की हैं, जहाँ एंटी स्नेक वेनम सहित सभी आवश्यक दवाइयाँ उपलब्ध हैं।

पशुओं की सुरक्षा के लिए सेक्टर 135 ग्रीन बेल्ट पुश्ता रोड पर पशु शिविर स्थापित किया गया है, जहाँ 1471 गौवंश को सुरक्षित रखा गया है।जिलाधिकारी ने जनपदवासियों से नदी-नालों के किनारे न जाने, अफवाहों से बचने और आपात स्थिति में बाढ़ कंट्रोल रूम से संपर्क करने की अपील की है। उन्होंने विस्थापित लोगों से शरणालयों में रहने और पशुपालकों से अपने मवेशियों को प्रशासनिक शिविरों में भेजने का अनुरोध किया। ![]()
