नोएडा, (नोएडा खबर डॉट कॉम)
गौतमबुद्ध नगर जिले में यमुना और हिण्डन नदियों के बढ़ते प्रदूषण और अतिक्रमण की समस्या को लेकर YSS फाउंडेशन ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से त्वरित हस्तक्षेप की मांग की है। फाउंडेशन ने दिल्ली सरकार की यमुना क्रूज योजना से प्रेरणा लेते हुए यमुना रिवर फ्रंट के निर्माण और दोनों नदियों के प्राकृतिक स्वरूप को बहाल करने के लिए ठोस कदम उठाने का अनुरोध किया है। यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगी, बल्कि नोएडा में पर्यटन और रोजगार के अवसर भी सृजित करेगी।
YSS फाउंडेशन के अध्यक्ष सचिन गुप्ता ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में यमुना और हिण्डन नदियों की दयनीय स्थिति पर गहरी चिंता जताई। पत्र में बताया गया कि दिल्ली-यूपी बॉर्डर (ओखला बैराज) से जेवर तक बहने वाली यमुना नदी अवैध निर्माण और प्रदूषण से जूझ रही है। इसी तरह, हिण्डन नदी भी अतिक्रमण और गंदगी की शिकार है। फाउंडेशन ने इन नदियों को बचाने के लिए चार प्रमुख मांगें रखीं:
यमुना रिवर फ्रंट का निर्माण: दिल्ली की तर्ज पर गौतमबुद्ध नगर में यमुना रिवर फ्रंट विकसित करने की मांग, जो नदी को प्रदूषण से बचाएगा और पर्यटन को बढ़ावा देगा।
यमुना नदी का संरक्षण:
नदी किनारे अवैध निर्माण को तत्काल हटाने और नोएडा, ग्रेटर नोएडा, व यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को नदी संरक्षण के लिए समयबद्ध कार्ययोजना लागू करने का निर्देश।
हिण्डन नदी की सफाई:
अतिक्रमण हटाने और नदी के मूल प्रवाह को बहाल करने के लिए सिंचाई विभाग को जिम्मेदारी सौंपने की अपील।
दिल्ली मॉडल से प्रेरणा:
दिल्ली की यमुना क्रूज योजना की तरह गौतमबुद्ध नगर में भी नदियों को पर्यटन और संरक्षण के लिए उपयोग करने की पहल।
सचिन गुप्ता ने कहा, “यमुना और हिण्डन हमारी धरोहर हैं। इनका संरक्षण न केवल पर्यावरण के लिए जरूरी है, बल्कि यह नोएडा को पर्यटन का नया केंद्र भी बना सकता है। दिल्ली की क्रूज योजना इसका शानदार उदाहरण है।” उन्होंने जोर दिया कि रिवर फ्रंट जैसी परियोजनाएं स्थानीय समुदाय के लिए रोजगार, पर्यटन और आर्थिक विकास के अवसर लाएंगी।पत्र में फाउंडेशन ने इन परियोजनाओं के लाभों को रेखांकित किया, जैसे जैव-विविधता की रक्षा, नदी पारिस्थितिकी का संतुलन, और भविष्य की पीढ़ियों के लिए टिकाऊ मॉडल का निर्माण।
गुप्ता ने सरकार को हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया और त्वरित कार्रवाई की अपील की।स्थानीय निवासियों ने इस मांग का स्वागत किया है। ग्रेटर नोएडा की निवासी शालिनी वर्मा ने कहा, “यमुना और हिण्डन का संरक्षण नोएडा की पहचान को नया रंग देगा। रिवर फ्रंट से नोएडा पर्यटन का हब बन सकता है।” पर्यावरण विशेषज्ञों ने भी इस पहल को समय की जरूरत बताया।नोएडा में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में यह पत्र एक महत्वपूर्ण कदम है। अब सबकी नजरें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जवाब पर टिकी हैं, जिनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश पर्यावरण और विकास के क्षेत्र में नई मिसाल कायम कर सकता है।
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