भाईदूज: गौतमबुद्ध नगर जिला कारागार में भाई-बहन के अटूट बंधन का उत्सव

नोएडा, (नोएडा खबर डॉट कॉम)
भाईदूज का पर्व, जो भाई-बहन के पवित्र और अटूट रिश्ते का प्रतीक है, गुरुवार को गौतमबुद्धनगर जिला कारागार में अनूठे और भावनात्मक रूप से मनाया गया। इस खास दिन पर, जेल की चारदीवारी के बीच बंदियों और उनकी बहनों के बीच प्रेम और विश्वास का बंधन और मजबूत हुआ।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कारागार मंत्री और पुलिस महानिदेशक/महानिरीक्षक कारागार उत्तर प्रदेश, लखनऊ के निर्देशानुसार, सुबह 8 बजे से कारागार में विशेष व्यवस्था की गई, ताकि बंदी अपने बहनों से मिल सकें और तिलक का पवित्र अनुष्ठान संपन्न हो।

इस पावन अवसर पर 3074 बहनें और उनके बच्चे अपने भाइयों से मिलने जेल पहुंचे। हर बहन के चेहरे पर अपार उत्साह और अपने भाई की लंबी उम्र की कामना थी। तिलक के साथ-साथ उन्होंने पूजन किया, और कई बहनों की आंखों में अपने भाइयों को देखकर खुशी के आंसू छलक आए। जेल की दीवारें, जो अक्सर कठोरता का प्रतीक मानी जाती हैं, आज इस प्रेममयी बंधन के सामने नरम पड़ गईं।

कारागार प्रशासन ने इस अवसर को और खास बनाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं रखी। मुलाकाती बहनों के लिए चाय, बिस्कुट, पुलाव, केला, सेब, फ्रूटी, शुद्ध मिनरल वाटर और शीतल जल की व्यवस्था की गई। टेंट, दरी और कुर्सियों के साथ-साथ परिसर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा गया।

इस आयोजन में कारागार परिवार, अपराध निरोधक समिति, प्रोमेथियस स्कूल, कल्चर होटल्स और नजीर फूड्स जैसी सामाजिक संस्थाओं ने सहयोग देकर मानवीय संवेदनाओं को और बढ़ावा दिया।सुरक्षा के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे।

पुलिस आयुक्त गौतमबुद्धनगर के निर्देश पर 55 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी तैनात रहे, जिससे यह भावनात्मक मिलन निर्बाध और सुरक्षित रहा। जेल अधीक्षक बृजेश कुमार, कारापाल संजय कुमार शाही, राजेश कुमार मौर्य, सुरजीत सिंह, शिशिरकांत, अनूप कुमार, अनुज कुमार, कमल चंद, मनोज कुमार सिंह और श्रीमती ज्ञान लता पाल सहित अन्य कर्मचारियों ने इस आयोजन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।

यह आयोजन केवल एक रस्म नहीं था, बल्कि यह उन रिश्तों की ताकत का उत्सव था जो समय और परिस्थितियों की कसौटी पर खरे उतरते हैं। एक बहन ने कहा, “मेरे भाई भले ही यहां हों, लेकिन हमारा रिश्ता कभी कमजोर नहीं होगा। भाईदूज का यह दिन हमें फिर से जोड़ता है।” नोएडा जिला कारागार का यह प्रयास दर्शाता है कि मानवीय रिश्तों की गर्माहट और विश्वास की डोर किसी भी बाधा को पार कर सकती है।

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