नोएडा: 49 वर्ष बाद भी सार्वजनिक परिवहन को तरसते नोएडावासी, डीडीआरडब्ल्यूए फेडरेशन ने सीईओ को पत्र लिखा

नोएडा। लोकसत्य।
नोएडा शहर की स्थापना के 49 वर्ष पूरे होने के बावजूद सार्वजनिक परिवहन की सुविधा न होने से निवासियों की परेशानी चरम पर पहुंच गई है। डीडीआरडब्ल्यूए फेडरेशन ने नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) डॉ. लोकेश एम को पत्र लिखकर इस समस्या पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। पत्र में पिछले दो वर्षों से मिल रहे आश्वासनों पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि छोटी दूरी तय करने के लिए भारी खर्च और ई-रिक्शा-टेंपो की अनियमितता से दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे शहरवासी अपनों को खो रहे हैं।

फेडरेशन के अध्यक्ष एन पी सिंह और वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजीव कुमार ने पत्र में उल्लेख किया कि देश के हर विकसित शहर में मजबूत पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम उपलब्ध है, लेकिन दिल्ली से सटे नोएडा में यह सुविधा अब तक शुरू नहीं हो सकी। “ई-रिक्शा और टेंपो की भरमार से न केवल ट्रैफिक जाम हो रहा है, बल्कि एक्सीडेंट का खतरा भी बढ़ गया है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट शुरू होने से ये समस्याएं दूर हो सकती हैं,” पत्र में कहा गया।

फेडरेशन ने सीईओ से पूछा है कि परिवहन सेवा कब शुरू होगी और इसमें कौन-सी बाधाएं आ रही हैं। साथ ही, समस्या के समाधान में प्राधिकरण के साथ सहयोग करने की पेशकश की है।निवासियों का कहना है कि मेट्रो कनेक्टिविटी के बावजूद लास्ट-माइल कनेक्टिविटी की कमी से उन्हें महंगे ऑटो और कैब पर निर्भर होना पड़ता है। एक स्थानीय निवासी ने बताया, “छोटे सफर के लिए 100-200 रुपये खर्च करने पड़ते हैं, जबकि पब्लिक बस होती तो यह समस्या न होती। ई-रिक्शा की लापरवाही से हर महीने दुर्घटनाएं हो रही हैं।”

प्राधिकरण की ओर से हाल ही में घोषित योजनाओं के अनुसार, प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत 100 इलेक्ट्रिक बसें 27 रूटों पर चलाने की तैयारी है, जिसमें नोएडा के 13 रूट शामिल हैं। सीईओ डॉ. लोकेश एम ने जनवरी 2025 में कहा था कि पहली फेज में 50 ई-बसें मार्च 2025 तक लॉन्च की जाएंगी, जबकि कुल 500 ई-बसें नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में चलेंगी। हालांकि, निवासियों का आरोप है कि दो वर्षों से आश्वासन मिल रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई प्रगति नहीं हुई। दिसंबर 2024 में स्पेशल पर्पस व्हीकल (एसपीवी) गठित करने के बाद फरवरी 2025 तक बसें चलाने का लक्ष्य था, लेकिन अभी तक टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हुई।ई-रिक्शा से जुड़ी दुर्घटनाओं का आंकड़ा भी चिंताजनक है। जनवरी से अगस्त 2025 तक नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने 45,000 चालान जारी किए और 2,633 ई-रिक्शा जब्त किए। मई 2025 में एक तेज रफ्तार बीएमडब्ल्यू ने ई-रिक्शा को टक्कर मार दी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। फरवरी 2025 में एक ई-रिक्शा चालक की मौत हो गई जब एक कार ने उसे टक्कर मार दी। नोएडा में अब तक 23,000 से अधिक पंजीकृत ई-रिक्शा हैं, लेकिन अधिकांश बिना लाइसेंस चलते हैं, जो ट्रैफिक को और जटिल बनाते हैं।

आवासीय संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई न हुई तो वे जिलाधिकारी मेधा रूपम की जनसुनवाई में यह मुद्दा उठाएंगे। प्राधिकरण ने आश्वासन दिया है कि ई-बस परियोजना पर काम तेज है और जल्द ही निवासियों को राहत मिलेगी, लेकिन फेडरेशन ने मांग की है कि ठोस समयसीमा बताई जाए। यह पत्र नोएडा के लाखों निवासियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को आवाज देता है।

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