पुलिस कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर ने डिजिटल युग में तेजी से बढ़ते साइबर अपराधों के खिलाफ एक मजबूत कवच तैयार करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया। पुलिस आयुक्त कार्यालय के ऑडिटोरियम में ‘Need of the Hour: Cyber Security Protocols for Public & Private Enterprises’ विषय पर आयोजित पैनल चर्चा में देश-विदेश की मल्टीनेशनल कंपनियों, टेक फर्मों के साइबर सिक्योरिटी हेड्स, एकेडमिक प्रोफेसर्स, साइबर एक्सपर्ट्स और पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया।

पैनल चर्चा में विशेषज्ञों ने एक स्वर में कहा कि साइबर सुरक्षा केवल आईटी विभाग की जिम्मेदारी नहीं है। यह संयुक्त उत्तरदायित्व है जिसमें सार्वजनिक व निजी संस्थान, कानून प्रवर्तन एजेंसियां और आम नागरिक — तीनों की सक्रिय भूमिका अनिवार्य है। कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्य:
- सार्वजनिक व निजी क्षेत्र में साइबर सुरक्षा जागरूकता बढ़ाना।
- विभिन्न संस्थानों के बीच संवाद और सहयोग को प्रोत्साहित करना।
- बदलते डिजिटल परिदृश्य में प्रभावी सुरक्षा तंत्र विकसित करना।
सम्मान समारोहकार्यक्रम के अंत में पुलिस कमिश्नर श्रीमती लक्ष्मी सिंह ने उपस्थित सभी साइबर एक्सपर्ट्स को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। उपस्थित प्रमुख अधिकारी:
- अपर पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था): डॉ. राजीव नारायण मिश्र
- प्रभारी डीसीपी साइबर क्राइम: श्रीमती शैव्या गोयल
- अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी
पुलिस की सतत मुहिमपुलिस कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर ने बताया कि साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए नागरिकों, स्कूल-कॉलेजों और कॉर्पोरेट्स के लिए नियमित प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। हेल्पलाइन 1930 और www.cybercrime.gov.in पर त्वरित शिकायत दर्ज करने की सुविधा उपलब्ध है। पुलिस कमिश्नर का अंतिम संदेश:
यह आयोजन साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में पुलिस-कॉर्पोरेट सहयोग की नई मिसाल बना।
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