नोएडा में फ्लिपकार्ट ट्रक लूट का खुलासा: चोरों का ‘ट्रक-फोकस्ड’ गैंग, 20 लाख का माल बरामद

नोएडा, (नोएडा खबर डॉट कॉम)
ई-कॉमर्स की चमक-दमक के पीछे छिपे अपराधों का एक नया चेहरा सामने आया है। गौतम बुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट के थाना फेज-1 ने फ्लिपकार्ट के ट्रक से चोरी की सिलसिलेवार वारदातों का पर्दाफाश किया है।
गिरफ्तार तीन कुख्यात चोरों के कब्जे से 20 लाख रुपये का कीमती सामान और अवैध हथियार बरामद हुए हैं। लेकिन इस घटना में चोरों का सोचा-समझा ‘ट्रक-टारगेटिंग’ तरीका है, जो एक महीने में दो बड़े डकैतियों को अंजाम दे चुका था। ये अपराधी व्यस्त सड़कों पर ट्रकों की ‘रिकी’ करते, मौके का फायदा उठाकर लूटपाट करते और माल को दिल्ली-एनसीआर के बाजारों में ‘डिस्काउंट रेट’ पर ठिकाने लगाते। चोरों का modus operandi बेहद सटीक और खतरनाक था। वे मुख्य रूप से व्यस्त हाईवे जैसे कालिंदी कुंज और सेक्टर-14 के आसपास ट्रकों की निगरानी रखते।
एक महीने पहले, 9 अक्टूबर 2025 को चिराग ट्रांसपोर्ट के फ्लिपकार्ट लोडेड ट्रक को कालिंदी कुंज के पास निशाना बनाया। अभियुक्तों ने ट्रक को रोकने के बजाय चालक को धमकाकर या व्यस्त ट्रैफिक का फायदा उठाकर कंटेनर तोड़ा और जूते-चप्पल, शैंपू, परफ्यूम, रजाई, टूथपेस्ट, साबुन, पेंट, घड़ी, ईयरबड्स, मोबाइल चार्जर, शेविंग ट्रिमर, खिलौने, बैग्स, लाइट्स, टूलकिट, कपड़े, हार्डवेयर, सप्लीमेंट्स, स्पीकर, लंच बॉक्स, लैपटॉप बैग, बेडशीट जैसा विविध सामान लूट लिया। कुल 21 कैटेगरी का यह माल अलग-अलग ब्रांड्स का था, जो फ्लिपकार्ट की डिलीवरी चेन का हिस्सा था। चोरी के बाद वे माल को छोटे-छोटे लॉट में बांटते और दिल्ली के संगम विहार, खानपुर जैसे इलाकों या एनसीआर के लोकल बाजारों में बेचते, जहां सस्ते सामान की डिमांड रहती है। जनता या पुलिस से बचने के लिए उनके पास अवैध चाकू हमेशा रहता, जो धमकी का हथियार बनता।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये लोग ‘ट्रक रेकी’ के लिए मेट्रो या लोकल ट्रांसपोर्ट इस्तेमाल करते, ताकि संदेह न हो। इससे पहले 2 नवंबर को सह-आरोपी अनूप, राहुल गुप्ता और यश गुप्ता से एक पुराना लैपटॉप, दो प्रिंटर और अन्य उपकरण बरामद हो चुके थे, जो इसी गैंग का हिस्सा थे। यह तरीका न केवल तेज था, बल्कि कम जोखिम वाला—ट्रक चालकों को निशाना बनाकर बिना हिंसा के लूटपाट।
इस सफल कार्रवाई पर डीसीपी नोएडा यमुना प्रसाद ने बुधवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में विस्तार से जानकारी साझा की। “हमारी थाना फेज-1 की टीम ने इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर 12 नवंबर को सेक्टर-14 के नाले के पुल के पास गोलचक्कर में घेराबंदी की, जहां अभियुक्त संजय खान (38 वर्ष, एटा), जितेंद्र सिंह (29 वर्ष, एटा) और लोकेश (28 वर्ष, अलीगढ़) को धर दबोचा गया,” डीसीपी प्रसाद ने बताया। उन्होंने कहा कि कब्जे से बरामद 20 लाख का सामान 9 अक्टूबर की चोरी का ही है, जिसकी शिकायत फ्लिपकार्ट पक्ष ने दर्ज की थी। “
अभियुक्तों का अपराधिक इतिहास गंभीर है; खासकर संजय खान के खिलाफ 2010 से 2013 के बीच एटा कोतवाली में चोरी, लूट, हत्या, आर्म्स एक्ट, एनडीपीएस और गैंगस्टर एक्ट के पांच पुराने केस दर्ज हैं। हम सह-आरोपियों अनूप (34 वर्ष, दिल्ली), राहुल गुप्ता (34 वर्ष, दिल्ली) और यश गुप्ता (27 वर्ष, दिल्ली) को भी 2 नवंबर को गिरफ्तार कर चुके हैं।” डीसीपी ने जोर देकर कहा कि मुकदमा धारा 306/305(बी)/317(2)/3(5) बीएनएस और 4/25 आर्म्स एक्ट (मु.अ.सं. 427/25) के तहत दर्ज है। “यह गिरफ्तारी ई-कॉमर्स सप्लाई चेन की सुरक्षा के लिए मील का पत्थर है। हम ट्रक चोरी के अन्य संभावित नेटवर्क की जांच कर रहे हैं, और जनता से अपील है कि संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत सूचना दें। पुलिस कमिश्नरेट का यह सराहनीय कार्य अपराधियों को साफ संदेश देता है कि नोएडा में कानून का राज है।”
यह घटना नोएडा जैसे औद्योगिक हब में लॉजिस्टिक्स क्राइम की बढ़ती चुनौती को उजागर करती है। फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों के ट्रकों पर नजर रखने के लिए पुलिस अब सीसीटीवी नेटवर्क और ड्रोन सर्विलांस बढ़ा रही है। अभियुक्तों को कोर्ट में पेश कर रिमांड लिया जाएगा, ताकि बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हो सके।

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