विनोद शर्मा
नोएडा/मेरठ, (नोएडा खबर डॉट कॉम)
संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने में महज 10 दिन शेष हैं और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की मांग ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है। शनिवार को कैराना बार भवन में हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति की अहम बैठक हुई, जिसमें 15 से अधिक जिलों के बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। इसमे 26 नवम्बर को पश्चिमी यूपी के सभी सांसदों के घर के बाहर धरना और 17 दिसम्बर को बंद कराने का फैसला किया है।
संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने में महज 10 दिन शेष हैं और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की मांग ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है। शनिवार को कैराना बार भवन में हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति की अहम बैठक हुई, जिसमें 15 से अधिक जिलों के बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। इसमे 26 नवम्बर को पश्चिमी यूपी के सभी सांसदों के घर के बाहर धरना और 17 दिसम्बर को बंद कराने का फैसला किया है।
बैठक की अध्यक्षता संजय शर्मा (चेयरमैन, हाईकोर्ट बेंच संघर्ष समिति एवं अध्यक्ष, मेरठ बार एसोसिएशन) ने की।
सह-अध्यक्षता रामकुमार वशिष्ठ (एडवोकेट, बार एसोसिएशन कैराना) ने की। संचालन राजेंद्र सिंह राणा (संयोजक, हाईकोर्ट बेंच संघर्ष समिति एवं महामंत्री, मेरठ बार एसोसिएशन) और सह-संचालन राजकुमार चौहान (एडवोकेट) ने किया।
सह-अध्यक्षता रामकुमार वशिष्ठ (एडवोकेट, बार एसोसिएशन कैराना) ने की। संचालन राजेंद्र सिंह राणा (संयोजक, हाईकोर्ट बेंच संघर्ष समिति एवं महामंत्री, मेरठ बार एसोसिएशन) और सह-संचालन राजकुमार चौहान (एडवोकेट) ने किया।
बैठक में शामली बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजपाल, मुजफ्फरनगर बार एसोसिएशन के महासचिव चन्द्रवीर निर्वाल, पूर्व अध्यक्ष अनुप सिंह, सिविल बार एसोसिएशन मुजफ्फरनगर के अध्यक्ष सुनील कुमार मित्तल, सिविल बार एसोसिएशन सहारनपुर के अध्यक्ष अभय सैनी और महासचिव अजय कौशिक, सिविल बार एसोसिएशन मवाना (मेरठ) के अध्यक्ष श्याम सिंह प्रधान, कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन सहारनपुर के अध्यक्ष ठाकुर राजीव सिंह और महासचिव सरोत्तम सिंह, बार एसोसिएशन सरधना के अध्यक्ष विक्रम सिंह त्यागी, डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन बुलंदशहर के अध्यक्ष सुमन राघव, बार एसोसिएशन नकुड़ के अध्यक्ष यशपाल सिंह और महासचिव मुरसलीन राणा, बार एसोसिएशन रामपुर के अध्यक्ष सतनाम सिंह मट्टू, बार एसोसिएशन गौतमबुद्धनगर के अध्यक्ष प्रमेंद्र भाटी, स्नातक एमएलसी प्रत्याशी एवं महामंत्री अजीत नागर, बार एसोसिएशन मेरठ के पूर्व महामंत्री जितेंद्र सिंह बना, सदस्य विनोद गौतम और वैभव पंवार ने अपने विचार रखे।
वर्चुअल माध्यम से समर्थन देने वालों में बार एसोसिएशन हापुड़ के अध्यक्ष संजय कुमार कंशल, बार एसोसिएशन अमरोहा के अध्यक्ष सलीम खान, बार एसोसिएशन मुरादाबाद एंड लाइब्रेरी के अध्यक्ष आनंद मोहन गुप्ता, बार एसोसिएशन बागपत के अध्यक्ष सुभाष सिंह तोमर शामिल रहे।
विचार-विमर्श के बाद तीन प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए। पहला 26 नवंबर 2025 को पश्चिमी यूपी के सभी बार एसोसिएशन अपने-अपने सांसदों के घर धरना देंगे और लिखित मांग करेंगे कि संसद में हाईकोर्ट बेंच का मुद्दा उठाएं। उसी दिन सभी अधिवक्ता कार्य से विरत रहेंगे।
दूसरा प्रस्ताव 17 दिसंबर 2025 को पश्चिमी यूपी में संपूर्ण बंद रहेगा। सभी संगठनों और जनता के सहयोग से रजिस्ट्री कार्यालय, कोर्ट, बाजार सब बंद रहेंगे।
तीसरा प्रस्ताव आगामी बैठक की तारीख सभी जिला और तहसील बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से चर्चा कर तय की जाएगी।
वकीलों का तर्क है कि लखनऊ हाईकोर्ट 600 किमी दूर है। पश्चिमी यूपी में बेंच बने तो 25 जिलों को न्याय आसान हो जाएगा। जसवंत सिंह सैनी आयोग ने भी पश्चिमी युपी को उपयुक्त माना था, लेकिन फाइल अटकी है।
राजपाल (शामली) बोले, “यह न्याय की लड़ाई है।” अजीत नागर (गौतमबुद्धनगर) ने चेताया, “2027 से पहले यह बीजेपी के लिए सिरदर्द बनेगा।” संजय शर्मा ने कहा, “आंदोलन अब जनता का हो चुका है। सरकार चाहे तो 26 नवंबर से पहले फैसला ले, वरना सड़क पर उतरेंगे।”
बीजेपी के गढ़ में 20+ सांसदों पर दबाव बढ़ रहा है। वकील तैयार हैं
26 नवंबर को तख्ती, मेमोरेंडम और धरना। मांग पूरी न हुई तो 17 दिसंबर का बंद ऐतिहासिक होगा।
वर्चुअल माध्यम से समर्थन देने वालों में बार एसोसिएशन हापुड़ के अध्यक्ष संजय कुमार कंशल, बार एसोसिएशन अमरोहा के अध्यक्ष सलीम खान, बार एसोसिएशन मुरादाबाद एंड लाइब्रेरी के अध्यक्ष आनंद मोहन गुप्ता, बार एसोसिएशन बागपत के अध्यक्ष सुभाष सिंह तोमर शामिल रहे।
विचार-विमर्श के बाद तीन प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए। पहला 26 नवंबर 2025 को पश्चिमी यूपी के सभी बार एसोसिएशन अपने-अपने सांसदों के घर धरना देंगे और लिखित मांग करेंगे कि संसद में हाईकोर्ट बेंच का मुद्दा उठाएं। उसी दिन सभी अधिवक्ता कार्य से विरत रहेंगे।
दूसरा प्रस्ताव 17 दिसंबर 2025 को पश्चिमी यूपी में संपूर्ण बंद रहेगा। सभी संगठनों और जनता के सहयोग से रजिस्ट्री कार्यालय, कोर्ट, बाजार सब बंद रहेंगे।
तीसरा प्रस्ताव आगामी बैठक की तारीख सभी जिला और तहसील बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से चर्चा कर तय की जाएगी।
वकीलों का तर्क है कि लखनऊ हाईकोर्ट 600 किमी दूर है। पश्चिमी यूपी में बेंच बने तो 25 जिलों को न्याय आसान हो जाएगा। जसवंत सिंह सैनी आयोग ने भी पश्चिमी युपी को उपयुक्त माना था, लेकिन फाइल अटकी है।
राजपाल (शामली) बोले, “यह न्याय की लड़ाई है।” अजीत नागर (गौतमबुद्धनगर) ने चेताया, “2027 से पहले यह बीजेपी के लिए सिरदर्द बनेगा।” संजय शर्मा ने कहा, “आंदोलन अब जनता का हो चुका है। सरकार चाहे तो 26 नवंबर से पहले फैसला ले, वरना सड़क पर उतरेंगे।”
बीजेपी के गढ़ में 20+ सांसदों पर दबाव बढ़ रहा है। वकील तैयार हैं
26 नवंबर को तख्ती, मेमोरेंडम और धरना। मांग पूरी न हुई तो 17 दिसंबर का बंद ऐतिहासिक होगा। ![]()
