नोएडा, (नोएडा खबर डॉट कॉम)
दिल्ली-एनसीआर में प्रवासी उत्तराखंडियों का सबसे बड़ा सांस्कृतिक आयोजन “उत्तराखंड महाकौथिग” के 15वें संस्करण का नोएडा स्टेडियम में रंगारंग आगाज हो गया है। 19 से 25 दिसंबर तक चलने वाले इस 7 दिवसीय मेले में उत्तराखंड की पारंपरिक लोक कला, हस्तशिल्प और संस्कृति की झलक देखते ही बन रही है। इस बार मेले का मंच उत्तराखंड के प्रसिद्ध जागेश्वर धाम मंदिर की थीम पर सजाया गया है, जो मंदिरों की श्रंखला की भव्यता को दर्शाता है।
मेले का उद्घाटन मुख्य अतिथि अजय कुमार पांडेय, डीआईजी गौतमबुद्ध नगर ने रिबन काटकर किया। इसके बाद मुख्य अतिथि अजय कुमार पांडेय, महाकौथिग के मुख्य संयोजक राजेंद्र चौहान, चेयरमैन आदित्य घिल्डियाल एवं अध्यक्ष हरीश असवाल ने मंच पर दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया।
मुख्य अतिथि अजय कुमार पांडेय ने अपने संबोधन में महाकौथिग के आयोजन की दिल खोलकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि 14 वर्षों से फलते-फूलते इस मेले का 15वां संस्करण शुरू हो रहा है। नारी शक्ति और पहाड़ की लोक संस्कृति व गायन को रेखांकित करते हुए उन्होंने इसे दिल्ली-एनसीआर का सबसे बड़ा मेला बताया। देवभूमि उत्तराखंड को दिल के करीब बताते हुए उन्होंने कविता के माध्यम से इसकी प्रशंसा की।
आयोजन समिति को बधाई देते हुए उन्होंने सुरक्षा के लिए पुलिस की पूरी टीम का सहयोग का आश्वासन दिया।महाकौथिग टीम ने मुख्य अतिथि को अंगवस्त्र, पुष्प गुच्छ और गंगाजल भेंट कर सम्मानित किया। मुख्य संयोजक राजेंद्र चौहान ने मुख्य अतिथि और पुलिस टीम का आभार व्यक्त किया।
उद्घाटन के दौरान अल्मोड़ा से आई छोलिया नृत्य टीम ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति की शानदार प्रस्तुति दी। इसके अलावा भगवत मनराल के निर्देशन में लोक नृLत्य की खूबसूरत प्रस्तुति पेश की गई। सुबह पारंपरिक वाद्य यंत्रों और लोक संगीत से अतिथियों का स्वागत किया गया, साथ ही पहाड़ी लोक कलाकारों ने उत्तराखंडी गीतों पर नृत्य किया।इस मौके पर डीआईजी अजय कुमार पांडेय के अलावा एसीपी स्वतंत्र कुमार, एसएचओ सुबोध तोमर सहित पुलिस प्रशासन की टीम मौजूद रही।पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था द्वारा आयोजित इस मेले में उत्तराखंड के पहाड़ी उत्पादों के लगभग 180 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें व्यंजन, दाल-अनाज, पहाड़ी मिठाइयां, कपड़े आदि उपलब्ध हैं। खाने-पीने के शौकीनों के लिए 30 से अधिक स्टॉल हैं।शाम के सत्र में पद्मश्री डॉ. प्रीतम भरतवाण (जागर सम्राट) और लोक गायक नवीन पाठक उत्तराखंडी ने लोक गीतों की रंगारंग प्रस्तुति दी।
मेला प्रवासी उत्तराखंडियों को अपनी जड़ों से जोड़ने का एक बड़ा माध्यम बन चुका है, जहां देवभूमि की संस्कृति की जीवंत झलक मिल रही है।

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