खास खबर : नोएडा प्राधिकरण को दो श्रेणियों में मिला यूनेस्को और भारत सरकार का वर्ल्ड वाटर अवार्ड, वाटर मैनेजमेंट में बेहतर उदाहरण

नई दिल्ली/नोएडा, 1 अप्रैल।

उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में विगत आठ वर्षों में अभूतपूर्व विकास हुआ है। ईमानदार सोच वाली सरकार के मुखिया के रूप में मुख्यमंत्री जी का विजन व्यापक और प्रगतिशील है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश से नौएडा प्राधिकरण को भारत सरकार एवं यूनिस्को द्वारा संयुक्त रूप से समर्थित वर्ल्ड वॉटर अवार्ड 2024-25 हेतु दो विभिन्न श्रेणियों में बेस्ट एसटीपी(पब्लिक)-कमेंडेबल एंड बेस्ट इंटीग्रेटेड वॉटर मैनेजमेंट-पब्लिक हेतु वॉटर वारियर्स के रूप में विजेता चयनित किया गया।

यह पुरस्कार मुख्य अतिथि के रूप में श्री राज भूषण चौधरी राज्य मंत्री जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार की उपस्थिति में दिया गया। इस पुरस्कार को ग्रहण करने को श्री सतीश पाल, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, नौएडा एवं श्री आर० पी० सिंह, महाप्रबन्धक (जल) अपनी जल टीम के साथ उपस्थित रहे। श्री राज भूषण चौधरी, राज्य मंत्री जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा दोनो श्रेणी में पुरस्कार नौएडा प्राधिकरण को प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन वॉटर डायजेस्ट वॉटर अवार्ड टीम द्वारा आईटीसी, मौर्य होटल, न्यू दिल्ली में किया गया।

इन कैटिगरीज में प्राप्त किये गये पुरस्कार की विशिष्टियाँ निम्नवत है –

1. वर्तमान में नौएडा क्षेत्र के अन्तर्गत कुल चार सीवर डिस्ट्रक्ट के द्वारा कुल 8 सीवेज शोधन संयत्र (सीक्वेंशियल बैच रिएक्टर) पद्धति पर संचालित है। सभी संचालित सयंत्रों की क्षमता 411 एमएलडी है। सभी संयंत्रो पर स्टेज 1, 2 व 3 के तहत पूर्ण क्लोरिनेशन के साथ उच्च श्रेणी के शोधित जल की उपलब्धता टेरिटरी ट्रीटमेंट प्लांट के साथ है एवं सभी सयंत्र सीपीसीबी सर्वर पर ऑनलाईन संयोजित है।

2. इन सभी प्लांटो से कुल 260 एमएलडी का ट्रीटेड वॉटर की उपलब्धता वर्तमान में है।

3. वर्तमान में कुल प्राप्त हो रहे 260 एमएलडी शोधित जल की कुल मात्रा में से लगभग 70-75 एमएलडी मात्रा का उपयोग भू-जल स्तर सुधार के दृष्टिगत सिंचाई हेतु हरित पट्टी पार्क, गोल्फ कोर्स, वैटलैण्ड, निर्माण गतिविधियों, अग्निशमन, तालाब एवं सड़क छिड़काव इत्यादि हेतु उपयोग वर्तमान में किया जा रहा है।

4. सैक्टर-54 में पूर्व निर्मित वेस्ट स्थल को पूर्णतः उपयोग करते हुये वहाँ 20 एमएलडी शोधित जल का उपयोग करते हुये एक सुन्दर एवं आकर्षक वेटलैण्ड का निर्माण किया गया है। जहाँ नाना प्रकार के जलीय जीव जन्तु निवास कर रहें हैं।

नोएडा

5. इन सभी एसटीपी से प्राप्त होने वाले शोधित जल का उपयोग और अधिक मात्रा में करने हेतु प्राधिकरण प्रतिबद्ध है। वित्तीय वर्ष 2025-26 तक प्राधिकरण द्वारा 125 एमएलडी शोधित जल को विभिन्न कार्यों हेतु उपयोग करने का लक्ष्य प्रस्तावित है।

6. नौएडा जल विभाग द्वारा शहर की जलापूर्ति मांग 415 एमएलडी के सापेक्ष पूर्व निर्मित 6 रैनीवेल (1, 2, 3, 4, 5 व 6) जो पूर्णतः अक्रियाशील थे, उन्हें पुर्नजीवित कर, विकास कार्य पूर्ण कराते हुये इनमें से 5 रैनीवेल द्वारा जलापूर्ति प्रदान की जा रही है। इनके द्वारा प्राप्त जल का टीडीएस 240 से 400 तक है, जिसके कारण इसका उपयोग नौएडा के सैक्टरों / ग्रामों में मिश्रित जल के माध्यम से किया जा रहा है।

7. विगत वर्ष में गंगाजल की परियोजना के माध्यम से भी अधिकतम उपयोगिता हेतु इसका पूर्ण प्रयासों के साथ विस्तार करते हुये गंगाजल की आपूर्ति एक्सप्रेस हाईवे के समीपवर्ती सैक्टरों तक भी उपलब्ध करायी जानी प्रारम्भ कर दी गयी है। वर्तमान में प्राधिकरण द्वारा किये गये पूर्ण प्रयासों के पश्चात 135 सैक्टरों एवं 55 ग्रामों में गंगाजल मिश्रित जलापूर्ति की जा रही है।

8. नौएडा क्षेत्र में कुल जलापूर्ति मांग 410 एमएलडी के सापेक्ष 450 एमएलडी जल (240 एमएलडी-गंगालाल, 120 एमएलडी रेनीवेल्स रेस्ट बाय ट्यूबवेल्स) की उपलब्धता है, जो मांग के सापेक्ष वर्तमान में अधिक है।

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