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नोएडा: स्टेट GST के IAS अधिकारी पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप, महिला अफसरों ने CM से की सामूहिक शिकायत

नोएडा, 12 अगस्त 2025: उत्तर प्रदेश राज्य कर विभाग (स्टेट GST) के नोएडा कार्यालय में अपर आयुक्त के पद पर तैनात IAS अधिकारी पर विभाग की कई महिला अधिकारियों ने यौन उत्पीड़न, शोषण और अमानवीय व्यवहार के गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला अधिकारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सामूहिक शिकायत भेजकर इस मामले में कठोर कार्रवाई और स्वतंत्र जांच की मांग की है।
महिला अधिकारियों का आरोप है कि उक्त आईएएस उनके साथ अपमानजनक भाषा का उपयोग करते हैं, धमकी भरे शब्द जैसे “पेल दूंगा” और “बर्बाद कर दूंगा” कहते हैं, और आधी रात को वीडियो कॉल करके अनावश्यक दबाव बनाते हैं। शिकायत में यह भी कहा गया है कि वे महिला अधिकारियों को घंटों तक अपने कार्यालय में खड़ा करके घूरते हैं, उनका वीडियो बनाते हैं, और विरोध करने पर नौकरी से निकालने की धमकी देते हैं।
प्रमुख सचिव देवराज पर सवाल, सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस की अनदेखी?
उक्त आईएएस को स्टेट GST के प्रमुख सचिव देवराज का करीबी और खास माना जाता है। शिकायत के बाद प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच का जिम्मा स्वयं देवराज को सौंप दिया है, जिस पर सवाल उठ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यौन उत्पीड़न के मामलों में निष्पक्ष जांच के लिए स्वतंत्र समिति गठित करने की स्पष्ट गाइडलाइंस दी हैं, लेकिन अभी तक न तो कोई समिति बनी है और न ही उक्त आईएएस को उनके पद से हटाया गया है।
महिला अधिकारियों की शिकायत ने मचाई खलबली
महिला अधिकारियों ने अपने पत्र में कहा, “पिछले चार महीनों से, जब से उक्त आईएएस नोएडा जोन में अपर आयुक्त बने हैं, हमारे साथ गुलामों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। वे रात में वीडियो कॉल करते हैं, हमें घूरते हैं, और अनुचित व्यवहार करते हैं।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि विरोध करने वाली अधिकारियों को झूठे मामलों में फंसाकर निलंबित करने की धमकी दी जाती है।
महिलाओं ने मुख्यमंत्री से इस मामले की गोपनीय जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी या राज्य महिला आयोग से कराने की अपील की है। उनका कहना है कि ऐसे अधिकारी प्रधानमंत्री के ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान को कमजोर कर रहे हैं और महिला सशक्तिकरण के प्रयासों को चोट पहुंचा रहे हैं। विभाग में हड़कंप, कार्रवाई का इंतजार
इस सामूहिक शिकायत ने राज्य कर विभाग में हड़कंप मचा दिया है। कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच इस मामले को लेकर व्यापक चर्चा है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि मुख्यमंत्री कार्यालय और सरकार इस गंभीर मामले में क्या कदम उठाती है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के तहत निष्पक्ष और त्वरित जांच की मांग तेज हो रही है।

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